मशीन की चपेट में आने से महिला मजदूर की दर्दनाक मौत
विजय मंडी कॉलोनी में बुधवार को पावरलूम फैक्टरी में काम करते वक्त मशीन की चपेट में आने से एक महिला मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई

गाजियाबाद। विजय मंडी कॉलोनी में बुधवार को पावरलूम फैक्टरी में काम करते वक्त मशीन की चपेट में आने से एक महिला मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई। महिला की मौत के बाद मजदूरों ने फैक्टरी के सामने जमकर हंगामा किया। लोगों का आरोप था कि फैक्टरी मालिक ने मौत की खबर परिजनों से भी छिपाए रखा।
कोलीपुरा कॉलोनी में सुंदर सिंह अपनी पत्नी किरन देवीए पुत्र गौरव, सौरभ और पुत्री काजल के साथ रहता है। किरन विजय मंडी कॉलोनी स्थित संजय सिंह की पावरलूम फैक्टरी में काम करती थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बुधवार सुबह किरन फैक्टरी में काम करने गई थी। दोपहर साढ़े ग्यारह बजे किरन वेंडर मशीन पर काम कर रही थी। अचानक उसका दुपट्टा मशीन में फंस गया और वह मशीन की चपेट में आ गई। वहां काम कर रहे मजदूरों ने तुरन्त मशीन बंद कर उसे बाहर निकाला। इसी बीच फैक्टरी मालिक भी मौके पर पहुंच गया लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी।
परिजनों को चोट लगने की सूचना दीआरोप है कि फैक्टरी मालिक ने सभी मजदूरों को बाहर निकाल दिया और महिला के परिजनों को सूचना दी कि महिला के पैर में चोट लग गई है। दो बजे के आसपास जब परिजन फैक्टरी पहुंचे तो देखा कि किरन मर चुकी थी। इसके बाद मजदूरों ने हंगामा करना शुरु कर दिया। खबर फैलने के बाद नगर की सभी फैक्टरियों में काम बंद हो गया और फैक्टरियों में काम करने वाले मौके पर पहुंचकर हंगामा करने लगे। पुलिस ने स्थिति संभालीमजदूरों का कहना था कि फैक्टरी मालिक ने महिला की मौत के बारे में घंटों तक परिजनों को गुमराह किया।
हंगामा बढ़ने की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाकर शांत किया। फैक्टरी मालिक संजय सिंह ने इस बारे में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। थानाप्रभारी रनवीर सिंह यादव ने बताया कि अभी तक इस मामले में कोई तहरीर नहीं आई है। तहरीर आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। एक माह में हो चुकी है तीन मौतनगर में स्थित हैंडलूम-पावरलूम की तीन सौ से अधिक फैक्टिरियों में दस हजार से अधिक मजदूर काम करते हैं। एक माह में मशीनों की चपेट में आकर तीन मजदूरों की मौत हो चुकी है। फैक्टरियों में सुरक्षा के मानक न के बराबर हैं। मजदूर यूनियन के अध्यक्ष निजाम चौधरी ने बताया कि सभी फैक्टरी मजदूरों की जिंदगी ताक पर रखकर चलाई जा रही है।


