लेखकों और चित्रकारों की जीवनियों के लिए फेलोशिप
विश्वप्रसिद्ध चित्रकार सैय्यद हैदर रजा की स्मृति में गठित राजा फाउंडेशन हिन्दी के प्रख्यात लेखकों, चित्रकारों की जीवनियाें को लिखने के लिए फेलोशिप प्रदान कर रहा है।
नयी दिल्ली। विश्वप्रसिद्ध चित्रकार सैय्यद हैदर रजा की स्मृति में गठित राजा फाउंडेशन हिन्दी के प्रख्यात लेखकों, चित्रकारों की जीवनियाें को लिखने के लिए फेलोशिप प्रदान कर रहा है। फाउंडेशन ने यशस्वी लेखक सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय,प्रसिद्ध कवि शमशेर बहादुर सिंह ,जाने -माने कवि पत्रकार रघुवीर सहाय और मशहूर चित्रकार जे स्वामीनाथन की जीवनियां लिखने के लिए चार लोगों को फेलोशिप प्रदान की हैं।
फाउंडेशन के संचालक एवं प्रसिद्ध कवि-संस्कृति कर्मी अशोक वाजपेयी ने यूनीवार्ता को बताया कि टाइम्स ऑफ़ इंडिया के पूर्व पत्रकार अक्षय मुकुल अज्ञेय की जीवनी लिख रहे हैं ,साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कवि मंग्लेश डबराल शमशेर जी तथा शुक्रवार पत्रिका के पूर्व संपादक कवि विष्णु नागर रघुवीर सहाय की तथा प्रसिद्ध कला समीक्षक प्रयाग शुक्ल स्वामीनाथन की जीवनी लिख रहे हैं।
इस योजना के तहत मैथिली के लेखक तारानंद नियोगी नागार्जुन तथा भारत यायावर रेणु की जीवनी और जयशंकर मुक्तीबोध की जीवनी लिख रहे हैं तो वसुधा डालमिया राजा की जीवनी लिख रही हैं । उन्होंने बताया कि वह जयशंकर प्रसाद,सुमित्रानंदन पन्त,महादेवी वर्मा, जैनेन्द्र त्रिलोचन, निर्मल वर्मा आदि की जीवनी भी लिखवाना चाहते हैं। इसी तरह मशहूर चित्रकार के जी सुब्रमनियन और भूपेन खक्कर की भी जीवनी लिखवाना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि इस योजना में दो साल के भीतर जीवनी लिखनी होती है और लेखक को तीन लाख रुपए की फ़ेलोशिप दी जाती है। वाजपेयी ने बताया की हिन्दी में जीवनियों का नितांत आभाव है ।
प्रेमचंद की जीवनी उनके पुत्र अमृत राय ने लिखी जबकि निराला की जीवनी डॉ रामविलास शर्मा ने लिखी । इसके अलावा और कोई बेहतर जीवनी हिन्दी में नहीं लिखी गयी । अब समस्या यह भी है की जीवनी लिखनेवाले लोग भी नहीं मिलते हैं।
राजा फाउंडेशन द्वारा कल अज्ञेय की जयन्ती के मौके पर आयोजित समारोह में श्री मंगलेश डबराल ने शमशेर पर लिखी जा रही जीवने के अंश पढ़कर सुनाये तो विष्णु नगर ने रघुबीर सहाय की जीवनी अक्षय मुकुल ने अज्ञेय और प्रयाग शुक्ल ने जे स्वामीनाथन पर लिखी जा रही जीवनी के कुछ अंश सुनाये।


