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आरडब्ल्यूए के नियम को लेकर फेडरेशन व सिटीजन टीम ने जताई आपत्ति 

  ग्रेटर नोएडा में आरडब्ल्यूए को मान्यता देने के लिए प्राधिकरण ने बायलाज तैयार किया है, जिस पर आरडब्ल्यूए, फेडरेशन व सेक्टरों के लोगों की आपत्ति मांगी है

आरडब्ल्यूए के नियम को लेकर फेडरेशन व सिटीजन टीम ने जताई आपत्ति 
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ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा में आरडब्ल्यूए को मान्यता देने के लिए प्राधिकरण ने बायलाज तैयार किया है, जिस पर आरडब्ल्यूए, फेडरेशन व सेक्टरों के लोगों की आपत्ति मांगी है।

मंगलवार गोल्डन फेडरेशन आफ आरडब्ल्यूए ग्रेटर नोएडा व एक्टिव सिटीजन ने प्राधिकरण के अधिकारियों से मिलकर मान्यता के लिए बनाई गई बायलाज को लेकर आपत्ति दर्ज कराई और साथ ही मांगों को लेकर ज्ञापन दिया जिसे बायलाज में शामिल करने की मांग रखी। फेडरेशन ने बायलाज को लेकर 12 बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज की और सात सुझाव दिया जिसे बायलाज में शामिल करने की मांग रखी। जिसमें महासंघ फेडरेशन के गठन, महिला आरक्षण, शैक्षिक योग्यता, अधिकार और कर्तव्यों का स्पष्ट्र करने की बात कही।

इस दौरान देवेंंद्र टाइगर, दीपक भाटी, अरविंद भाटी, आलोक नागर, जितेंद्र भाटी, सतीष शर्मा, जतन भाटी, देवराज नागर रिषिपाल, कैलाश भाटी, योगेंद्र मावी, गजेंद्र भाटी आदि लोग मौजूद थे। उधर एक्टिव सिटीजन ने मंगलवार को प्राधिकरण के उप महाप्रबंधक अर्बन सर्विसेज पीके कौशिक से मिलकर आरडब्ल्यूए की मान्यता को लेकर तैयार उपविधि यानि बायलाज को लेकर कई मुद्दों पर आपत्ति दर्ज कराई

जिसमें उनका कहना है कि आदर्श उपविधि की भाशा आम बोलचाल की भाशा की नहीं है इस वजह से पूर्ण समझ में नहीं आ रही है। इसलिए बिंदुवार इस बताने का कष्ट करें। जिसमें भवन स्वामी पत्नी, पति, पुत्र, अविवाहित पुत्री को भी भवन स्वामी के लिखित सहमति से चुनाव लड़ने का अधिकार दिया जाना चाहिए। इसकी वजह कई बार लोग चुनाव नहीं लड़ पाते हैं।

प्राधिकरण हर संपत्ति के आबंटन, रजिस्ट्री, उसकी खरीद-फरोख्त के दौरान लीजरेंट, नाम ट्रंासफर चार्ज, सीवर चार्ज, मलवा चार्ज आदि वसूलती है। ऐसे में रख-रखाव की जिम्मेदारी प्राधिकरण की है। ऐसे में सेक्टरवासियों से वसूली नहीं होनी चाहिए। प्राधिकरण खुद खर्च करे ओर निगरानी व सहयोगी जिम्मेदारी आरब्ल्यूए को दे।

आरडब्ल्यूए के बजाय प्राधिकरण स्वयं धन अपने खाते में सेक्टरवासियों से धन जमा कराए और प्राधिकरण के द्वारा सेक्टर की सुरक्षा या अन्य मदों में उसक व्यय किया जाए। आवश्यकताओं एवं खर्च को आरडब्ल्यूए अनुमोदित एवं सत्यापित करें। चुनाव की प्रक्रिया स्पष्ट नहीं, इसकों और विस्तृत रूप से बताया जाना चाहिए।

इस तरह इन्होंने 11 बिंदुओं पर सुझाव दिया है। इस दौरान टीम के हरेंद्र भाटी, आलोक सिंह, सरदार मंजीत सिंह, राहुल नंबरदार, धर्मचंद, सुनील प्रधान आदि लोग मौजूद थे।


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