इंडिगो संकट पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार, याचिकाकर्ता को दिल्ली हाई कोर्ट जाने की दी सलाह
सुप्रीम कोर्ट ने इंडिगो फ्लाइट कैंसिलेशन संकट से जुड़ी जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले से ही दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका लंबित है, ऐसे में समानांतर सुनवाई उचित नहीं होगी।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इंडिगो एयरलाइंस के फ्लाइट कैंसिलेशन संकट से जुड़ी एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट में इसी मुद्दे पर पहले से मामला लंबित है।
मुख्य न्यायाधीश सूर्य कांत, जस्टिस जॉयमाल्य बागची और जस्टिस विपुल पंचोली की पीठ ने याचिकाकर्ता को दिल्ली हाई कोर्ट की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति दी और हाई कोर्ट से याचिकाकर्ता को हस्तक्षेप करने की इजाजत देने का अनुरोध किया।
सुनवाई शुरू होते ही वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ को दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने भी इस मुद्दे की जांच के लिए एक समिति गठित की है। पीठ ने पार्टी-इन-पर्सन के रूप में पेश हुए याचिकाकर्ता नरेंद्र मिश्रा को दिल्ली हाई कोर्ट जाने की सलाह दी।
सीजेआई सूर्य कांत ने कहा कि अब दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले से निपट रहा है। अगर हम पीआईएल पर सुनवाई शुरू करते हैं तो हाई कोर्ट सुनवाई रोक देगा। अगर आपको लगता है कि हाई कोर्ट आपके मानक पर खरा नहीं उतरेगा और आप सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में ही पेश होना चाहते हैं, तो वह अलग बात है।
दिल्ली हाई कोर्ट मुद्दे को हैंडल करने में सक्षम
याचिकाकर्ता ने कहा कि रोजाना कम से कम तीन सौ फ्लाइटें रद्द हो रही हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। इस पर सीजेआई ने कहा कि संवैधानिक अदालत के रूप में दिल्ली हाई कोर्ट इस मुद्दे को हैंडल करने में पूरी तरह सक्षम है। अगर हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी शिकायत रहती है तो आप सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं। पीठ ने कहा कि हम आपकी चिंता की सराहना करते हैं, लेकिन दो समानांतर कार्यवाहियां चलाने के बजाय हाई कोर्ट जाएं। अगर वहां आपकी शिकायत का समाधान नहीं होता तो हमारे पास आएं।
अदालत की निगरानी में जांच की मांग
याचिका में इंडिगो एयरलाइंस के फ्लाइट कैंसिलेशन संकट की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है. इससे पहले भी पीठ ने इसी मुद्दे पर एक याचिका की तत्काल सुनवाई से इनकार किया था, क्योंकि केंद्र सरकार ने पहले ही इस पर संज्ञान ले लिया था।
बता दें कि नागरिक उद्दयन मंत्रालय द्वारा जारी नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FTDL) नियमों को समय पर लागू नहीं कर पाने के कारण पिछले दिनों इंडिगो एयरलाइन को बड़े संकट का सामना करना पड़ा था। कंपनी को बड़े पैमाने पर अपनी उड़ानें रद्द (Flight Cancellations) करनी पड़ीं, जिससे हजारों यात्रियों को गंभीर असुविधा का सामना करना पड़ा। इस मुद्दे पर इंडिगो के खिलाफ देश की विभिन्न अदालतों में कई याचिकाएं दायर की गई हैं।


