Top
Begin typing your search above and press return to search.

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार राम सुतार का निधन, 100 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

प्रसिद्ध मूर्तिकार और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार राम वनजी सुतार का 17 दिसंबर 2025 की रात नोएडा स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 100 वर्ष के थे और उम्र से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित थे।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार राम सुतार का निधन, 100 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
X

नई दिल्ली। प्रख्यात मूर्तिकार और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार राम वनजी सुतार का बुधवार देर रात नोएडा स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 100 वर्ष के थे और लंबे समय से उम्र से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे थे। उनके पुत्र अनिल सुतार ने गुरुवार को बताया कि गहरे दुख के साथ हम आपको सूचित करते हैं कि मेरे पिता श्री राम वनजी सुतार का 17 दिसंबर की मध्यरात्रि को हमारे निवास पर निधन हो गया।

राम सुतार भारत के सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित मूर्तिकारों में गिने जाते थे। उन्होंने देश और विदेश में कई ऐतिहासिक और प्रतिष्ठित प्रतिमाओं का निर्माण किया, लेकिन उन्हें वैश्विक पहचान सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के डिजाइनर के रूप में मिली, जो वर्तमान में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है।

अपने छह दशकों से अधिक लंबे करियर में राम सुतार ने महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव आंबेडकर, स्वामी विवेकानंद सहित अनेक राष्ट्रीय नेताओं और महापुरुषों की मूर्तियां गढ़ीं। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया था।

एक शिल्पकार जो इतिहास को पत्थर में उकेरता रहा

राम सुतार ने महज एक मूर्तिकार के रूप में नहीं, बल्कि राष्ट्र के गौरव को जीवंत करने वाले कलाकार के रूप में अपनी पहचान बनाई। सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हो या महात्मा गांधी की ध्यानमग्न मुद्रा वाली प्रतिमाएं , उनके हाथों से निकली हर रचना देश की स्मृतियों में अमर हो गई। 1925 में महाराष्ट्र के एक साधारण परिवार में जन्मे सुतार ने छेनी-हथौड़ी से सपनों को तराशा और भारत को विश्व स्तर पर गौरवान्वित किया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it