Top
Begin typing your search above and press return to search.

Sheikh Hasina: यूनुस सरकार देश को अराजकता की ओर ले जा रहीः शेख हसीना

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मौजूदा राजनीतिक स्थिति, चुनाव,आईसीटी के फैसले और भारत-बांग्लादेश संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने यूनुस सरकार पर लोकतंत्र कमजोर करने और राजनीति से प्रेरित फैसले लेने का आरोप लगाया।

Sheikh Hasina: यूनुस सरकार देश को अराजकता की ओर ले जा रहीः शेख हसीना
X

नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग प्रमुख शेख हसीना ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के फैसले, बांग्लादेश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और भारत-बांग्लादेश संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है।

एक इंटरव्यू में शेख हसीना ने मौजूदा अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि उनके खिलाफ चल रही कानूनी प्रक्रिया न्याय नहीं, बल्कि राजनीतिक बदले का जरिया है।

‘ICT का फैसला न्याय नहीं, राजनीतिक दुश्मनी’

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आईसीटी के फैसले पर कहा इस फैसले का न्याय से कोई लेना-देना नहीं है और यह पूरी तरह से राजनीतिक दुश्मनी का मामला है। मुझे अपना बचाव करने का अधिकार नहीं दिया गया और न ही मेरी पसंद के वकील दिए गए। ट्रिब्यूनल का इस्तेमाल अवामी लीग के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई करने के लिए किया गया। हालांकि, बांग्लादेश की संस्थाओं में मेरा विश्वास खत्म नहीं हुआ है। हमारी संवैधानिक परंपरा मजबूत है और जब वैध शासन बहाल होगा और हमारी न्यायपालिका अपनी स्वतंत्रता वापस हासिल कर लेगी, तो न्याय की जीत होगी।

उस्मान हादी की मौत पर भी उठाए सवाल

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उस्मान हादी की मौत पर कहा यह दुखद हत्या उस कानून-व्यवस्था की कमी को दिखाती है जिसने मेरी सरकार को गिरा दिया था और यूनुस के राज में यह और बढ़ गई है। हिंसा आम बात हो गई है, जबकि अंतरिम सरकार या तो इसे मानने से इनकार करती है या इसे रोकने में नाकाम है।

ऐसी घटनाएं बांग्लादेश को अंदर से अस्थिर करती हैं, साथ ही हमारे पड़ोसियों के साथ हमारे रिश्तों को भी, जो सही चिंता के साथ सब देख रहे हैं। भारत इस अराजकता, अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार और उन सभी चीजों के खत्म होने को देख रहा है जो हमने मिलकर बनाई थीं। जब आप अपनी सीमाओं के अंदर बुनियादी व्यवस्था बनाए नहीं रख सकते, तो अंतरराष्ट्रीय मंच पर आपकी विश्वसनीयता खत्म हो जाती है। यही यूनुस के बांग्लादेश की सच्चाई है।

गौरतलब है कि एक बार फिर बांग्लादेश हिंसा की आग में झुलस रहा है। उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में कट्टरपंथी उन्माद अपने चरम पर है। यह हिंसा शेख हसीना के कट्टर विरोधी 32 वर्षीय इंकलाब मंच के प्रवक्ता उस्मान हादी की मौत के बाद पनपी है। 12 दिसंबर को ढाका के बिजोयनगर इलाके में एक चुनावी अभियान के दौरान नकाबपोश बंदूकधारियों ने हादी को गोली मार दी थी, जिसकी 18 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

‘अवामी लीग के बिना चुनाव लोकतंत्र नहीं’

आगामी चुनावों को लेकर शेख हसीना ने दो टूक कहा कि अवामी लीग के बिना चुनाव, चुनाव नहीं बल्कि राज्याभिषेक होगा। यूनुस बांग्लादेश के लोगों के एक भी वोट के बिना शासन करते हैं और अब वे उस पार्टी पर बैन लगाना चाहते हैं जिसे लोगों ने 9 बार चुना है। ऐतिहासिक रूप से, जब बांग्लादेशी अपनी पसंदीदा पार्टी को वोट नहीं दे पाते, तो वे बिल्कुल भी वोट नहीं देते। इसलिए अगर अवामी लीग पर यह बैन जारी रहता है, तो लाखों लोग प्रभावी रूप से वोट देने के अधिकार से वंचित हो जाएंगे।

ऐसे किसी भी चुनाव से बनने वाली सरकार में शासन करने का नैतिक अधिकार नहीं होगा। यह एक बहुत बड़ा मौका गंवाने जैसा होगा, ऐसे समय में जब बांग्लादेश को सच में राष्ट्रीय सुलह की प्रक्रिया की सख्त जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा मेरा अतीत, वर्तमान और भविष्य हमेशा बांग्लादेश की सुरक्षा से जुड़ा रहा है और मैं देखना चाहती हूं कि मेरा देश एक ऐसे नेता को चुने जिसके पास शासन करने का अधिकार हो।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it