Top
Begin typing your search above and press return to search.

शशि थरूर ने मिलाया कांग्रेस के सुर में सुर, कहा- राम का नाम बदनाम ना करो

प्रियंका गांधी ने तीखा विरोध किया तो वहीं उनके बाद बोलने खड़े हुए शशि थरूर ने भी लंबे समय बाद पार्टी के सुर में सुर मिलाया। उन्होंने कहा कि मैं मनरेगा स्कीम से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम बदलने के खिलाफ हूं। उन कारणों पर मैं विस्तार से नहीं जाऊंगा क्योंकि पूर्व के वक्ताओं ने उस पर काफी बोला है।

शशि थरूर ने मिलाया कांग्रेस के सुर में सुर, कहा- राम का नाम बदनाम ना करो
X

नई दिल्ली। लोकसभा में मनरेगा का नाम बदलने समेत कई प्रावधानों में फेरबदल वाले विधेयक को पेश किया गया है। इस विधेयक में मनरेगा को अब 'विकसित भारत- जी राम जी' योजना नाम देने की तैयारी है। इसे लेकर संसद में दिलचस्प बहस देखने को मिली है।

कांग्रेस की ओर से सांसद प्रियंका गांधी ने तीखा विरोध किया तो वहीं उनके बाद बोलने खड़े हुए शशि थरूर ने भी लंबे समय बाद पार्टी के सुर में सुर मिलाया। उन्होंने कहा कि मैं मनरेगा स्कीम से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम बदलने के खिलाफ हूं। उन कारणों पर मैं विस्तार से नहीं जाऊंगा क्योंकि पूर्व के वक्ताओं ने उस पर काफी बोला है।

शशि थरूर ने कहा कि मैं जी राम जी विधेयक का विरोध करता हूं। मेरी पहली शिकायत यह है कि इसका नाम बदला जा रहा है, जो पहले महात्मा गांधी के ऊपर था। महात्मा गांधी का राम राज्य का विजन राजनीतिक आयोजन नहीं था बल्कि सामाजिक सुधार था। वह चाहते थे कि हर गांव सशक्त हो और राम राज्य जैसी स्थिति बने। उनके नाम को हटाना गलत है और नैतिकता के खिलाफ है।

मेरे बचपन में गाते थे- देखो ओ दिवानों ये काम ना करो, राम का नाम बदनाम ना करो।तिरुअनंतपुरम से कांग्रेस के सांसद ने कहा कि इसके अलावा 40 फीसदी बजट सीधे राज्य सरकार के हिस्से में डालना भी गलत है। इससे उन राज्यों के लिए संकट की स्थिति पैदा होगी, जिनके पास राजस्व का संग्रह कम है।

ऐसे राज्य जो पहले ही किसी तरह की मदद पर निर्भर हैं, आखिर वे कैसे इस स्कीम के लिए फंडिंग कर पाएंगे। कांग्रेस सांसद का पार्टी के स्टैंड से मिलता हुआ यह रुख लंबे समय बाद देखने को मिला है। वह कई बार पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ कर चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस की लगातार तीन मीटिंगों से गैरहाजिर रहे हैं।

ऐसे में उनके भविष्य को लेकर कयास लगते रहे हैं। इसलिए जब वह संसद में इस पर बोलने खड़े हुए और कांग्रेस का समर्थन किया तो यह महत्वपूर्ण था। उन्होंने साफ कर दिया कि वह वैचारिक तौर पर अब भी अडिग हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it