ऑपरेशन सिंदूर के समय बंकरों में छिपी थी पाक सेना', जरदारी का कबूलनामा
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सार्वजनिक मंच से चौंकाने वाला खुलासा किया कि है। उन्होंने बताया कि कैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान तनाव के चलते पाकिस्तानी सेना बंकरों में छिपी थी और उन्हें खुद भी वहीं रहने की सलाह दी गई।

नई दिल्ली। आतंकियों के पनाहगार पाकिस्तान को हमेशा से ही अपनी बुजदिल हरकतों के चलते वैश्विक मंच पर शर्मसार होना पड़ता है। ऐसे में एक बार फिर ऐसी स्थिति तब आई जब 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान अपनी ताकत का झूठा बखान करने वाला नापाक पड़ोसी पाकिस्तान की सेना और उसके हालात को लेकर नया और चौंकाने वाला खुलासा हुआ। ये खुलासा किसी और ने नहीं खुद पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने किया है।
पाकिस्तानी राष्ट्रपति जरदारी ने बताया कि कैसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी सेना बंकर में छिपी हुई थी। एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान जरदारी ने यह स्वीकार किया कि तनाव के हालात में पाकिस्तान की सेना बंकरों में छिपी हुई थी और उन्हें खुद भी बंकर में रहने की सलाह दी गई थी।
आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान
बता दें कि राष्ट्रपति जरदारी का यह बयान पाकिस्तान की कमजोर स्थिति को उजागर करता है। गंभीर आर्थिक संकट, बढ़ती महंगाई और कर्ज में डूबे पाकिस्तान के पास न तो मजबूत अर्थव्यवस्था है और न ही लंबी सैन्य तैयारी की क्षमता। ऐसे में पाकिस्तानी सेना के बंकरों में छिपने की बात यह दिखाती है कि पाकिस्तान अंदर से असुरक्षित और दबाव में है।
पहलगाम हमले के जवाब में भारत का एक्शन: 'ऑपरेशन सिंदूर'
पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने 6-7 मई की दरमियानी रात को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। इस दौरान 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय और ट्रेनिंग सेंटर शामिल थे। इन जगहों से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की साजिश रची जाती थी।
पहलगाम आतंकी हमला, जब गई थी 26 निर्दोष लोगों की जान
गौरतलब है कि 22 अप्रैल का वो काला दिन, जिसे भारतवासी आज भी नहीं भुला पा रहे। जगह था जम्मू-कश्मीर का पहलगाम। जहां एक साथ कई आतंकियों ने वहां उपस्थित सभी पर्यटकों पर अंधाधुंध गोली चलानी शुरू कर दी। इस आतंकी हमले में कुल 26 लोगों की जान गई। इस घटना को बीते अब तीन महीने से ज्यादा का समय हो चुका है। लेकिन लोगों में नाराजगी और अपनों के खोने का गम अभी भी है। हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने उसी दिन ली और एक फोटो भी शेयर किया।


