Top
Begin typing your search above and press return to search.

चीन को अमेरिका का बड़ा झटका, ताइवान को 10 अरब डॉलर के हथियार देने को मंजूरी

ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन अकसर आमने-सामने आते रहे हैं। यही नहीं 2022 में अमेरिकी नेता नैन्सी पेलोसी भी ताइवान गई थीं और उस दौरान चीनी फाइटर जेट्स ने उनके विमानों का पीछा करने की कोशिश की थी। इससे काफी तनाव पैदा हो गया था।

चीन को अमेरिका का बड़ा झटका, ताइवान को 10 अरब डॉलर के हथियार देने को मंजूरी
X

नई दिल्ली। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने चीन को करारा झटका दिया है। सालों से दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति है और अब रणनीतिक मोर्चे पर अमेरिका ने ऐसा कदम उठाया है कि चीन को मिर्ची लग सकती है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने उस ताइवान को 10 अरब डॉलर के हथियार बेचने को मंजूरी दी है, जिससे चीन का तनाव बना रहता है।

चीन का ताइवान पर दावा रहा है, जबकि ताइवानी नेतृत्व का जोर स्वतंत्र देश पर है। ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन अकसर आमने-सामने आते रहे हैं। यही नहीं 2022 में अमेरिकी नेता नैन्सी पेलोसी भी ताइवान गई थीं और उस दौरान चीनी फाइटर जेट्स ने उनके विमानों का पीछा करने की कोशिश की थी। इससे काफी तनाव पैदा हो गया था।

अमेरिका की ओर से मंजूरी किए गए पैकेज के तहत ताइवान को मध्यम दूरी की मिसाइलें दी जाएंगी। इसके अलावा होवित्जर तोपों और ड्रोन्स की भी बिक्री शामिल है। अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार देर रात इन हथियार सौदों की घोषणा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित संबोधन के दौरान की। अपने भाषण में ट्रंप ने विदेश नीति के मुद्दों का बहुत कम उल्लेख किया और चीन के साथ व्यापार या अन्य मसलों पर कोई बात नहीं की। इन आठ हथियार बिक्री समझौतों में 82 उच्च गतिशीलता वाली तोपखाना रॉकेट प्रणाली (हिमार्स) और 420 सैन्य सामरिक मिसाइल प्रणाली शामिल हैं।

60 स्वचालित होवित्जर प्रणालियां शामिल

ये वही प्रणालियां हैं जैसी पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के दौरान अमेरिका ने रूस के खिलाफ आत्मरक्षा के लिए यूक्रेन को प्रदान की थीं। इनकी कुल कीमत चार अरब डॉलर से अधिक बताई गई है। इसके अलावा इस पैकेज में 60 स्वचालित होवित्जर प्रणालियां और उनसे जुड़े उपकरण भी शामिल हैं, जिनकी कीमत भी चार अरब डॉलर से अधिक है। साथ ही ड्रोन की बिक्री लगभग एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य की बताई गई है।

ताइवान मजबूत होगा

वहीं अन्य सौदों में एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य का सैन्य सॉफ्टवेयर, 70 करोड़ डॉलर से अधिक के जैवेलिन और टीओडब्ल्यू मिसाइल, 9.6 करोड़ डॉलर के हेलीकॉप्टर के पुर्जे और हार्पून मिसाइलों के लिए 9.1 करोड़ डॉलर की नवीनीकरण किट शामिल हैं। अमेरिका की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इन हथियारों की सेल से ताइवान मजबूत होगा। वह अपने देश में राजनीतिक स्थिरता, सैन्य संतुलन और आर्थिक प्रगति को मजबूत कर सकेगा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it