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महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस ने खेल मंत्री माणिकराव कोकाटे का इस्तीफा मंजूर किया

मानिकराव कोकाटे को गिरफ्तार करने के लिए नाशिक पुलिस की विशेष टीम मुंबई के लिए निकल गई है। बताया जा रहा है कि उन्हें गिरफ्तार करने के बाद नासिक लाया जाएगा और फिर उनसे पूछताछ की जाएगी।

महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस ने खेल मंत्री माणिकराव कोकाटे का इस्तीफा मंजूर किया
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मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कैबिनेट मंत्री मानिकराव कोकाटे का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री मानिकराव कोकाटे ने न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।

आपको बता दें कि कुछ घंटे पहले ही उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक्स पोस्ट में कहा था कि महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और मेरी पार्टी के साथी मानिकराव कोकाटे ने माननीय कोर्ट के फैसले के बाद मुझे अपना इस्तीफा दे दिया है।

हमारी पार्टी की लंबे समय से चली आ रही सोच के अनुसार कि कानून का राज सबसे ऊपर है और सभी लोगों से ऊपर है, इस्तीफा सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है। माणिकराव कोकाटे नासिक जिले के सिन्नर निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार के विधायक हैं और उनका राजनीतिक निष्ठा बदलने का इतिहास रहा है। उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है।

इस मामले को लेकर अजित पवार ने आगे कहा कि मैंने कोकाटे का इस्तीफा संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार, उचित विचार और स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री को भेज दिया है। हमारी पार्टी का हमेशा से मानना ​​रहा है कि सार्वजनिक जीवन संवैधानिक नैतिकता, संस्थागत ईमानदारी और न्यायपालिका के सम्मान से चलना चाहिए। हम कानून के राज के साथ मजबूती से खड़े हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों और जनता के भरोसे को बनाए रखने वाले तरीके से काम करते रहेंगे।

क्या है पूरा मामला

जिस मामले में कोकाटे ने इस्तीफा दिया है वो 1995 का है। दरअसल, इस मामले के तहत मुख्यमंत्री कोटे के तहत आरक्षित फ्लैटों के दुरुपयोग का आरोप है। ये फ्लैट कम आय वाले लोगों के लिए हैं जिनके पास कोई अन्य संपत्ति नहीं है। माणिकराव कोकाटे और उनके भाई विजय कोकाटे पर नासिक के कनाडा कॉर्नर इलाके में स्थित 'निर्माण व्यू अपार्टमेंट' में दो फ्लैट हासिल करने के लिए फर्जी हलफनामे और दस्तावेज जमा करने का आरोप था।

जांच में पता चला कि भाई उसी इमारत में दो और फ्लैटों का भी इस्तेमाल कर रहे थे जो दूसरों को आवंटित किए गए थे। जिला प्रशासन की जांच के आधार पर, विश्वनाथ पाटिल - जो उस समय अर्बन लैंड सीलिंग विभाग में अधिकारी थे, उन्होंने एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।


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