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बांग्लादेश में भारत के राजनयिक दफ्तर पर हमला, उस्मान हादी की मौत के बाद क्यों भड़की आग

बांग्लादेश में एक छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बवाल मच गया है। इसका निशाना चटगांव स्थित भारतीय राजनयिक मिशन को भी बनाया गया है। हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में जगह-जगह पर प्रदर्शन हो रहे हैं और भारत विरोधी नारे भी लगाए जा रहे हैं। कई जगहों पर आगजनी भी हुई है।

बांग्लादेश में भारत के राजनयिक दफ्तर पर हमला, उस्मान हादी की मौत के बाद क्यों भड़की आग
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नई दिल्ली। बांग्लादेश में एक छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बवाल मच गया है। इसका निशाना चटगांव स्थित भारतीय राजनयिक मिशन को भी बनाया गया है। हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में जगह-जगह पर प्रदर्शन हो रहे हैं और भारत विरोधी नारे भी लगाए जा रहे हैं।

इसी बीच चटगांव स्थित भारतीय मिशन पर भीड़ ने पत्थरबाजी की गई है। इसके अलावा डेली स्टार और प्रथम आलो जैसे अखबारों के दफ्तर पर भी हमला किया गया है। डेली स्टार पर हमले के दौरान तो करीब 25 पत्रकार फंस गए थे, जिन्हें किसी तरह बाहर निकाला गया। अखबारों पर हमले के वक्त भी भारत विरोधी नारे लगाए गए।

इन अखबारों पर आरोप है कि वे भारत और शेख हसीना के समर्थक हैं। शरीफ उस्मान हादी के समर्थक और उनके संगठन इंकबाल मंच का आरोप है कि उनका हत्यारा फैसल करीम मसूद भारत में छिपा है। इसके अलावा बांग्लादेश में सिब्योन दिउ और संजय चिशिम नाम के दो लोगों को अरेस्ट किया गया है।

इन लोगों पर आरोप है कि उन्होंने फैसल करीम मसूद की मदद की थी। ढाका के अडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जशिता इस्लाम ने इन दोनों लोगों को रिमांड पर भेजा है।

उस्मान हादी इंकलाब मंच के प्रवक्ता थे और वह निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। बीते शुक्रवार को वह एक रैली से प्रचार के बाद लौट रहे थे। इसके बाद वह एक मस्जिद में गए थे और वहां से निकलते वक्त उन्हें बाइक सवार हमलावरों ने गोली मार दी थी।यह घटना मोतीझील इलाके के पुराना पलटन में हुई थी।

बांग्लादेशी एजेंसियों का कहना है कि बाइक सवार हमलावरों ने हमला किया था। उस बाइक पर फैसल करीम मसूद पीछे बैठा था और आरोप है कि उसने ही हादी पर गोली लाई थी। इसके बाद वह अपनी बहन के अगरगांव स्थित घर चला गया था। यहां से वह एक सीएनजी ऑटो में सवार होकर निकला था। इस दौरान उसके साथ बाइक चलाने वाला आलमगीर शेख भी था।

आरोप है कि इन लोगों ने भारत की सीमा में प्रवेश कर लिया। इसी के चलते उन्हें पकड़ा नहीं जा सका है। पुलिस ने इसी मामले में सिबिउन दिउ और संजय चिशिम को अरेस्ट किया है। आरोप है कि इन दोनों ने ही फैसल करीम और उसके साथी को भारत में एंट्री दिलाने में मदद की।

गुरुवार को इस मामले में आरोपियों को अदालत में पेश किया गया था। लेकिन शुक्रवार को सुबह से ही बवाल शुरू हो गया। शरीफ उस्मान हादी उन युवाओं में से एक थे, जो 2024 में शेख हसीना विरोधी आंदोलनों के चलते चर्चा में आए थे।

अब हादी समर्थकों का आरोप है कि उनके कत्ल में शेख हसीना से जुड़े लोगों का हाथ है। इसके अलावा आरोपियों के भारत में घुसने के आरोपों से भी लोग भड़के हुए हैं। बता दें कि बांग्लादेश में फिलहाल कट्टरपंथी इस्लामिक तत्व सत्ता पर काबिज हैं।


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