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प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जानें-स्कूल से लेकर कारों को छूट तक क्या है निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनसीआर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा को मिलकर पूरे एनसीआर के लिए एक साझा निकाय के गठन पर समन्वित प्रयास करने चाहिए, ताकि प्रदूषण से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।

प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जानें-स्कूल से लेकर कारों को छूट तक क्या है निर्देश
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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कई अहम दिशा-निर्देश दिए हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस विपुल एम पंचोली की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए स्कूलों को बंद करने, खाली बैठे निर्माण श्रमिक, एनएचएआई और एमसीडी को यातायात सुगम बनाने और किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रोत्साहन राशि देने सहित कई अहम मुद्दों पर टिप्पणी की।

दिल्ली में GRAP के तहत स्कूलों को बंद करने के फैसले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्कूल खोलना या बंद करना नीति और विशेषज्ञों का विषय है, न कि अदालत का।

CJI सूर्यकांत ने कहा कि अगर हाइब्रिड व्यवस्था की अनुमति दी जाती है, तो जहां दोनों माता-पिता कामकाजी हैं, वे अपने बच्चों को स्कूल भेजेंगे। इस फैसले को विशेषज्ञों पर छोड़ना होगा, कोर्ट सुपर-स्पेशलिस्ट नहीं बन सकता। ⁠स्कूल जाना या न जाना, यह अपने आप में एक समस्या बन जाएगा।

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण संकट: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अब हम इस समस्या के व्यावहारिक और कारगर समाधान के बारे में सोचें।

वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, वायु प्रदूषण में खतरनाक वृद्धि हर साल सामने आने वाली समस्या है, उन्होंने सीएक्यूएम से इस खतरे से निपटने के लिए अपने दीर्घकालिक उपायों पर पुनर्विचार करने को कहा। कोर्ट ने सीएक्यूएम और एनसीआर के शहरों के प्रशासन से शहरी परिवहन और किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रोत्साहन राशि देने जैसे मुद्दों पर विचार करने को कहा।

स्कूल बंद करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने नर्सरी से कक्षा पांच तक के छात्रों के लिए स्कूल बंद करने के दिल्ली सरकार के निर्देश में दखल देने से इनकार किया। कोर्ट ने कहा, सर्दियों की छुट्टियां शुरू होने वाली हैं, ऐसे में दिल्ली में नर्सरी से कक्षा पांच तक के छात्रों के लिए स्कूल बंद करने के निर्देश में किसी बदलाव की जरूरत नहीं है।

दिल्ली में यातायात पर सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एनएचएआई और एमसीडी को दिल्ली की सीमाओं पर यातायात सुगम बनाने के लिए नौ टोल प्लाजा को स्थानांतरित करने या अस्थायी रूप से बंद करने पर विचार करने को कहा है। कोर्ट ने एमसीडी को अपने नौ टोल प्लाजा को अस्थायी तौर पर बंद करने के संबंध में एक हफ्ते के भीतर फैसला लेने को कहा है।

श्रमिकों पर सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को प्रतिबंधों के कारण खाली बैठे निर्माण श्रमिकों का सत्यापन करने और उनके खातों में धनराशि अंतरित करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह प्रतिबंधों के कारण खाली बैठे निर्माण श्रमिकों को वैकल्पिक काम उपलब्ध कराने पर विचार करे। ऐसा नहीं होना चाहिए कि निर्माण श्रमिकों के खातों में अंतरित की गई धनराशि “गायब हो जाए, किसी अन्य खाते में पहुंच जाए।

केवल BS4 और नए वाहनों को छूटः सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को लेकर अपने पहले आदेश में संशोधन कर दिया है। कोर्ट ने अपने नए आदेश में कहा है कि दिल्ली-NCR में केवल BS4 और नए वाहनों को छूट मिलेगी। संशोधित आदेश में भी बीएस-3 वाहनों को छूट से बाहर रखा गया है। जबकि इससे पुराने वाहनों को सुरक्षा नहीं मिलेगी।

CAQM दीर्घकालिक योजना दाखिल करे: सीजेआई

वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण एक वार्षिक समस्या बन चुका है और केवल तात्कालिक उपाय पर्याप्त नहीं हैं। ⁠मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से दीर्घकालिक योजना दाखिल करने को कहा है। सीजेआई ने कहा कि CAQM को अपने लॉन्ग टर्म मेजर्स पर दोबारा विचार करना चाहिए, जिनमें शामिल हैं शहरी परिवहन (अर्बन मोबिलिटी) को सीमित/सुधारने के उपाय ,औद्योगिक गतिविधियों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण पराली जलाने की समस्या से निपटना, किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रोत्साहन (इंसेंटिव) देने की ठोस व्यवस्था का उपाय आदि।


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