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जिले में अपराधियों के हौसले बुलंद

जिले में चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही है जिससे लोगों में खौफ पैदा हो गया है।

जिले में अपराधियों के हौसले बुलंद
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लगातार बढ़ रहा अपराधों का ग्राफ

चोरों के आगे पुलिस हुई लाचार

बिलासपुर। जिले में चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही है जिससे लोगों में खौफ पैदा हो गया है। हर दूसरे तीसरे दिन चोरी की घटनाएं हो रही है। पुलिस तक जो भी मामले पहुंच रहे हैं उनमें से अधिकतर अनसुलझे रह जा रहे हैं।

बिलासपुर में चोरी की बढ़ती घटनाओं से यह जरूर लग रहा है कि लोगों की संपत्ति सुरक्षित नहीं है। आए दिन लोगों के ताले टूट रहे हैं। ज्वेलरी, नकदी तो दूर चोर तो मिड डे मील का राशन तक नहीं छोड रहे। पिछले दिनों एटीएम भी तोड़े गए हैं। पुलिस की गश्त के बावजूद चोर घरों के ताले तोड़ने में कामयाब हो रहे हैं। पुलिस विभाग से मिले आंकड़ों में 2015 में चोरी की 602 वहीं 2016 में 680 के मुकाबले 2017 में चोरी के मामले 2 गुना बढ़ गए हैं। वर्ष 2017 में 1026 चोरियां हुई है। शहर में चोरों का हौसला बुलंद है। यह बताने के लिए आंकड़े ही काफी है। दिनों-दिन चोरी के बढ़ते मामले पुलिस की मुस्तैदी पर सवाल खड़े करते हैं।

बिलासपुर में अपराध का ग्राफ दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। गौर करने वाली बात है कि 2015 में बलात्कार की संख्या 93 दर्ज हुई जो कि 2016 में बढ़कर 121 हो गई वहीं वर्ष 2017 में इन आंकड़ों में कमी आई है जो कि 119 दर्ज मामले के रूप में है परंतु आंकड़े संतोषजनक नहीं है। दिल्ली में 6 साल पहले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले ने भारत समेत पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। उस घटना के बाद जिस तरह देश एकजुट होकर न्याय के लिए खड़ा हो गया था उस समय ऐसा लगा था मानो देश से इस तरह के अपराध का खात्मा हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

भारत देश जहां स्त्री को देवी के रूप में पूजा जाता है वहीं महिलाओं पर अन्य देश की तुलना में ज्यादा अपराध होता है। समाज के कुछ मनचले ही दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देने से बाज नहीं आते हैं। ऐसी लोगों को समाज द्वारा ही सजा देने की आवश्यकता है क्योंकि कानून से बचने के सारे उपायों को यह जानते हैं और कानून का कोई डर भी उन्हें नहीं होता।

गौर करने वाली बात यह है कि नेशनल क्राईम रिकार्ड ब्यूरो ने शर्मिंदा करने वाली रिपोट्र दी है, रेप मामले में छत्तीसगढ़ टॉप टेन में शामिल हो गया है। प्रदेश में महिलाओं के साथ यौन उत्पीडन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। एनसीआरबी द्वारा किए गए विश्लेषण में यह तथ्य सामने आया है कि देश में महिलाओं के साथ दुराचार के मामलों में प्रदेश का आठवां स्थान है। प्रदेश में 2015 में कुल 1560 दुष्कर्म के मामले सामने आए। पहले स्थान पर मध्यप्रदेश है जहां कुल 4391 मामले दर्ज किए गए हैं। आबादी के अनुसार नजर डाली जाए तो प्रति लाख जनसंख्या में 12.2 महिलाओं के साथ दुराचार के मामले में छत्तीसगढ़ देाश् में दूसरे सथान पर है। सबसे चौकाने वाली बात यह है कि महिलाओं की अस्मत के साथ खिलवाड़ करने वालों में परिवार के ही सदस्य, रिश्तेदार, पड़ोसी या पहचान वालों की संख्या बहुत अधिक है।

जिले में अपहरण के मामले आए दिन बढ़ रहे हैं 2015 में अपहरण के मामले जहां 214 थे वहीं 2016 में बढ़कर 246 हो गए तथा 2017 में यह बढ़कर 251 हो गए हैं। जिसमें से नवंबर माह के पुराना बस स्टेण्ड में नाबालिग छात्र को अपहरण कर मारपीट करने का मामला भी है। हालांकि इस मामले में तारबाहर पुलिस ने दो नामजद आरोपियों समेत एक दर्जन आरोपियों के खिलाफ अपहरण का अपराध दर्ज किया था परंतु बढ़ते आंकड़े अपराधिक प्रवृत्ति के बढ़ते हौसलों को दर्शाते हैं तथा पुलिस के ऊपर भी सवाल खड़ा करते हैं। महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों में अपहरण भी एक है। 2015 में कुल 149 मामले सामने आए जिसमें महिलाओं का अपहरण हुआ जो कि 2016 में बढ़कर 166 हो गए। तथा 2017 में यह बढ़कर 179 हो गए। आंकड़े चौकाने के साथ-साथ चिंता भी बढ़ाते हैं।


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