समाज से दूर होने का डर दिव्यांगों को कमजोर करती है : शर्मिला टैगोर
'शारीरिक विकलांगता की वजह से समाज की मुख्यधारा का हिस्सा न होने का डर दिव्यांग व्यक्ति को मानसिक रूप से कमजोर बनाता है

नई दिल्ली। 'शारीरिक विकलांगता की वजह से समाज की मुख्यधारा का हिस्सा न होने का डर दिव्यांग व्यक्ति को मानसिक रूप से कमजोर बनाता है।
ऐसे में जो भी व्यक्ति, संगठन इन दिव्यांगों को सशक्त बनाता है वह वस्ताव में उनके लिए सशक्तीकरण, आर्थिक सहयोग का रास्ता तैयार करता है। फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने यह विचार दिव्यांगजनों को इलाज में सहायता देने वाले महानुभावों को सम्मानित करते हुए व्यक्त किए।
नारायण सेवा संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दिव्यांग जनों की सेवा के लिए दान देने वालों को अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए गए। इस दौरान दुनियाभर के सौ से अधिक दानदाताओं को विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया। ये ऐसे दानदाता हैं जिन्होंने प्रतीक्षा सूची में शामिल 15 हजार मरीजों के जीवन को बदलने में सहायता की है।
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल कहते हैं, संस्थान दिव्यांगों का स्मार्ट गांव है, वंचित अनुभव करने वाले लोगों के लिए, सभी सुविधाएं हैं और दुनिया भर के दानदाताओं के सहयोग से ही पिछले 30 वर्षों में साढ़े तीन लाख से ज्यादा मरीजों के ऑपरेशन किए व उन्हें निशुल्क दवाएं आदि दी हैं।
उन्होने बताया कि संस्थान आने वाले मरीजों को किसी भी नकद काउंटर या भुगतान नहीं करना होगा। कार्यक्रम में तारक मेहता का उल्टा चश्मा फेम जेठालाल दिलीप जोशी भी मौजूद थे। दिलीप जोशी ने भी संस्थान के कार्यकलापों की प्रशंसा करते हुए शुभकामनाएं दी।


