Top
Begin typing your search above and press return to search.

झारखंड में किसानों को मिलेगी दो हजार करोड़ की ऋण माफी : द्रौपदी

श्रीमती मुर्मू ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उप राजधानी दुमका के पुलिस लाइन में आयोजित मुख्य समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली।

झारखंड में किसानों को मिलेगी दो हजार करोड़ की ऋण माफी : द्रौपदी
X

दुमका । झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि कोरोना महामारी में राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से कृषि और किसान को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने कृषकों के दो हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

श्रीमती मुर्मू ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उप राजधानी दुमका के पुलिस लाइन में आयोजित मुख्य समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली। इसके बाद राज्य को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एक तरफ इस महामारी से लड़ने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर राज्य के विकास का पहिया अनवरत आगे बढ़ता रहे इसके लिए भी सरकार प्रयासरत है। राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है लेकिन कोरोना महामारी ने अर्थव्यवस्था को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। कृषि ही वह क्षेत्र है जो राज्य की अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान से उबरने की क्षमता रखता है।

राज्यपाल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कृषि ऋण के बोझ से दबे राज्य के छोटे और सीमांत किसानों को उनके अल्पकालीन फसल कर्ज की माफी के लिए ऋण माफी योजना प्रक्रियाधीन है। सरकार ने इस वर्ष ऋण माफी योजना के तहत राज्य के किसानों का दो हजार करोड़ रुपए ऋण माफी का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जैविक खेती प्रमाणीकरण तथा जैविक खाद उत्पादन प्रोत्साहन की योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को लगभग 46 करोड़ रुपये का अनुदान दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

श्रीमती मुर्मू ने कहा कि लैम्प्स, पैक्स के माध्यम से किसानों को खाद, बीज, कीटनाशक दवा, फसल बीमा और धान अधिप्राप्ति का कार्य कराया जाता है। सरकार ने लैम्प्स, पैक्स को कार्यशील पूंजी एवं आधारभूत संरचना के लिए फर्नीचर एवं अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से वित्त वर्ष 2020-21 में राज्य के प्रत्येक प्रखंड में अवस्थित एक लैम्प्स, पैक्स को मॉडल रूप में विकसित करने के लिए प्रति लैम्प्स, पैक्स कार्यशील पूंजी के रूप में पांच लाख रुपये एवं आधारभूत संरचना के लिए दो लाख रुपये उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।

राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए मछली पालन के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। मछली पालन एवं मत्स्य बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में किसानों के लिए निजी जमीन पर 62 एकड़ तालाब का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें से 17 एकड़ तालाब निर्माण का कार्य संथाल परगना क्षेत्र के लिए स्वीकृत किया गया है। राज्य में मत्स्य विपणन को प्रोत्साहित करने के लिए चार नए खुदरा बाजारों का निर्माण कराया जा रहा है। सरकार ने कृषि क्षेत्र में सिंचाई की महत्ता को देखते हुए राज्य भर में पूर्व से कार्यान्वित हो रहे 350 चेक डैम योजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसके द्वारा राज्य के छोटे-छोटे नदी नालों के प्रभाव को चेक डैम के माध्यम से जल का संचयन किया जाएगा, जो सिंचाई के साथ-साथ ग्रामीणों की अन्य दैनिक जल की आवश्यकता के लिए काफी फलदायी होगा।

श्रीमती मुर्मू ने कहा कि सरकार राज्य के युवाओं का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के अपने उद्देश्य पर लगातार काम कर रही है। कौशल विकास को गति देने के लिए वर्तमान में 28 कल्याण गुरुकुल एवं छह नर्सिंग कौशल कॉलेज का संचालन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत युवक-युवतियों को विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कल्याण गुरुकुल के माध्यम से प्रशिक्षित युवक युवतियों में से 71 प्रतिशत भागीदारी अनुसूचित जनजाति श्रेणी के युवक-युवतियों की है।

राज्यपाल ने कहा कि वन एक अमूल्य निधि है और राज्य की सांस्कृतिक पहचान भी इससे जुड़ी हुई है। वन सम्पदा, मानव जीवन के लिए ही नहीं बल्कि सृष्टि के समस्त प्राणियों के अस्तित्व के लिए आवश्यक है। प्राकृतिक संतुलन को बनाये रखना सभी का उत्तरदायित्व है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 35784 हेक्टेयर वनभूमि, गैर-वनभूमि पर वृक्षारोपण तथा प्राकृतिक पुनर्जनन के कार्य को ग्रामीणों की सहभागिता से सम्पादित किया है। 344 किलोमीटर नदी तट पर वृक्षारोपण तथा 3420 गैबियन से वृक्षारोपण का कार्य प्रगति पर है। वर्तमान वर्ष में लगभग दो करोड़ पौधों का रोपण किया जा रहा है। इन कार्यों से चालू वित्त वर्ष में कुल 160 लाख मानव दिवस सृजित किये जायेंगे, जो कोरोना काल में ग्रामीण श्रमिकों के रोजगार का एक प्रमुख स्रोत होगा।

श्रीमती मुर्मू ने स्वच्छता अभियान को सफल बनाने पर जोर देते हुए कहा कि स्वच्छता सभी की जिम्मेदारी है और हमें, अपने और अपने आस-पास की स्वच्छता को बनाये रखने की नितान्त आवश्यकता है। राज्य की जनता को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। इस वर्ष राज्य के 25 प्रतिशत घरों अर्थात् लगभग 13 लाख घरों में नल से जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस वर्ष कुल 25 वृहद जलापूर्ति योजनाओं को चयनित किया गया है, जिससे 1.27 लाख गृह संयोजन एवं 7.3 लाख आबादी को लाभान्वित कराया जायेगा।

राज्यपाल ने कहा, “आजादी के 73 वर्ष के बाद देश ने लगभग सभी क्षेत्रों में तरक्की की है। इस दौरान हमने कई उतार-चढ़ाव भी देखे हैं लेकिन देश के विकास के मार्ग में आने वाली हर बाधा का हमने मिलजुल कर सामना किया है और उससे पार पाने में सफलता भी पायी है। हम सब जानते हैं कि वर्तमान में पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। हमारा देश और राज्य भी इससे अछूता नहीं है। इस महामारी की विभीषिका के कारण पूरे विश्व में करोड़ों लोग संक्रमित हुए हैं और लाखों की संख्या में लोगों की अकाल मृत्यु हुई है। इस मुश्किल घड़ी में हमारी सरकार इस त्रासदी से निपटने के लिए रणनीति बनाकर हर मोर्चे पर काम कर रही है और इस लड़ाई में हमें राज्य की जनता का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है।”

श्रीमती मुर्मू ने कहा कि कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में हमारे चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी, स्वच्छताकर्मी तथा पुलिस बल के जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया है। इन लोगों की दिन-रात की मेहनत और निःस्वार्थ सेवा के कारण ही इस त्रासदी के कुप्रभाव को कम करने में काफी हद तक सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा," स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज मैं कोरोना महामारी के विरुद्ध लड़ाई में कार्यरत लोगों का हृदय से अभिनंदन करती हूं और उनके जज्बे को सलाम करती हूं।" उन्होंने कहा कि झारखंड का इतिहास संघर्ष का इतिहास रहा है। कोविड-19 महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने और राज्यवासियों की सुरक्षा के लिए सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य के भीतर नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने से लेकर देशव्यापी लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे छात्रों, श्रमिकों को राशन, खाना-पीना और अन्य आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने में सरकार ने आगे बढ़कर पूरी मजबूती के साथ काम किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पहल पर विभिन्न राज्यों में फंसे झारखंड के 530763 श्रमिकों को सकुशल घर पहुंचाया गया है। विभिन्न राज्यों में फंसे झारखंड के प्रवासी श्रमिकों एवं छात्रों को वापस लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम का संचालन किया गया।जिसमें विभिन्न राज्यों एवं जिलों में फंसे आम जनों के द्वारा संपर्क स्थापित किया गया एवं उन्हें अपेक्षित सहयोग एवं परामर्श दिया गया।

श्रीमती मुर्मू ने आजादी की लड़ाई में अहम योगदान करने वाले अमर शहीद भगवान बिरसा मुंडा एवं वीर सिदो कान्हू के बलिदान को नमन करते हुए देशवासियों एवं समस्त झारखंडवासियों को 74वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस मौके पर संतालपरगना प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल, उपायुक्त राजेश्वरी बी., पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा के साथ विभिन्न विभागों के वरीय पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it