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किसान नजदीकी केवीएसएस और जीएसएस पर बेच सकेंगे अपनी उपज

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन के मद्देनजर किसान हित में गुरुवार को तीन बड़े निर्णय लिए हैं

किसान नजदीकी केवीएसएस और जीएसएस पर बेच सकेंगे अपनी उपज
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जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन के मद्देनजर किसान हित में गुरुवार को तीन बड़े निर्णय लिए हैं।

कृषि एवं सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री नरेशपाल गंगवार ने बताया कि कृषि जिन्सों के विक्रय के लिए राज्य के लगभग 460 क्रय-विक्रय एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों तथा तिलम संघ को समुचित शिथिलताएं प्रदान कर निजी गौण मण्डी घोषित करने की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री के इस संवेदनशील फैसले से काश्तकारों को वैकल्पिक प्लेटफार्म उपलब्ध होगा और कृषि जिन्सों की विकेन्दित खरीद सुनिश्चित हो सकेगी। किसान अपनी कृषि उपज बेचने के लिए अपने खेत एवं गांव के नजदीक ही सहकारी समितियों पर ला सकेंगे और कृषि उपज मण्डियों के अनुरूप ही अपनी कृषि जिन्सों को खुली नीलामी से बेचकर बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकेंगे।

श्री गंगवार ने बताया कि राज्य सरकार ने कृषि संस्करण इकाईयों को किसानों से सीधी खरीद के लिए अनुज्ञापत्र के लिए कृषि उपज मण्डी समितियों में आवेदन करने से छूट दी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य की कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को किसानों से सीधी खरीद के लिए संबंधित कृषि उपज मण्डी समितियों में आवेदन करके सीधी खरीद का अनुज्ञापत्र लिये जाने का प्रावधान था। राज्य सरकार की ओर से लिए गए निर्णय अनुसार अब कृषि प्रसंस्करण इकाईयों यथा दाल मिल, तेल मिल, आटा मिल, चावल मिल आदि को मण्डी समितियों में आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी। मण्डी समितियां इन प्रसंस्करण इकाईयों को स्वतः ही सीधी खरीद का अनुज्ञापत्र जारी करेगी।

कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को अब तक आवेदन के साथ उनके द्वारा घोषित एक दिन की खरीद के समतुल्य प्रतिभूति जमा करानी होती है, इस प्रावधान में भी छूट दी जाकर अब यह प्रतिभूति 30 जून 2020 तक जमा कराई जा सकती है। इससे राज्य में लगभग 500 कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को अनुज्ञापत्र मिल सकेंगे। इस निर्णय से किसानों को अपने खेत के समीप ही कृषि उपज के विक्रय केन्द्र उपलब्ध हो सकेंगे। और प्रसंस्करण उद्योगों को कच्चा माल सहज उपलब्ध हो सकेगा।

श्री गंगवार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में राज्यांश प्रीमियम जमा कराने के लिए 500 करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि कृषक कल्याण कोष से हस्तानान्तरित करने की स्वीकृति प्रदान की है।


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