यूपी में बीजेपी का प्रचार बंद कराएंगे किसान
यूपी विधानसभा चुनाव अब करीब आ चुका है. किसान संगठन चुनाव तो नहीं लड़ रहे. लेकिन चुनावों का फैसला करने की उन्होंने तैयारी कर ली है. रविवार को किसानों ने मुजफ्फरनगर में साफ कर दिया था कि इस बार यूपी से योगी सरकार का जाना तय है. जिससे बीजेपी भी डर गई है.

मुजफ्फरनगर में किसानों की रैली में उमड़े हुजूम के बाद बीजेपी मुश्किल में दिख रही है तो विपक्षी दलों के चेहरे खिले हुए हैं. क्योंकि किसानों ने साफ कर दिया है कि वो योगी सरकार का पूरी ताकत से विरोध करेंगे और चुनावों में बीजेपी को हराने में अपनी ताकत लगाएंगे. साथ ही जिस तरह से पंजाब और हरियाणा में बीजेपी के किसी भी कार्यक्रम को किसान नहीं होने दे रहे हैं. वैसा ही यूपी में भी होगा. यूपी में भी किसान बीजेपी के कार्यक्रमों के आयोजन में खलल डालेंगे. किसान संगठनों के मंच से ही इसका ऐलान किया गया था. किसानों के इस ऐलान ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है क्योंकि बीजेपी इस समय यूपी में पूरी तरह से चुनावी मोड में हैं. पार्टी का दावा है कि वो 300 से ज्यादा सीटें जीतेगी. लेकिन किसानों ने तो साफ कर दिया है कि बीजेपी को वो सिर्फ सत्ता से ही दूर नहीं करेंगे बल्कि जनता को भी बीजेपी से दूर कर देंगे. यहां तक कि बीजेपी नेताओं को उनके गृह क्षेत्र में भी घुसने नहीं दिया जाएगा. बीजेपी नेता यदि कोई कार्यक्रम करेंगे तो भारी संख्या में किसान कार्यक्रम स्थलों तक जाने वाले मार्ग पर पहुंचेंगे. जो बीजेपी नेता कार्यक्रम में जा रहे होंगे उनसे किसान आंदोलन को समर्थन देने, तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार से लिखित मांग करने की बात कही जाएगी. इस मांग से सहमत न होने वाले बीजेपी नेताओं को उनके क्षेत्रों में प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा. बड़े नेताओं के कार्यक्रम में किसान काले झंडे लेकर पहुंचेंगे और उनका विरोध करेंगे. 27 सितंबर के 'भारत बंद' कार्यक्रम के बाद इस योजना पर काम शुरू होगा. लेकिन इसकी घोषणा 9—10 सितम्बर को लखनऊ में होने वाली बैठक के बाद ही हो जाएगी. हरियाणा में भी किसान इसी तरह की रणनीति को अपना रहे हैं. हाल ही में सीएम मनोहर लाल खट्टर के कार्यक्रम में किसानों पर पुलिस ने ताकत का इस्तेमाल भी किया था. जिससे राज्य सरकार के सामने असहज स्थिति बन गई थी. ऐसे में यदि यूपी सरकार ने किसानों पर ताकत का इस्तेमाल किया तो चुनाव के समय योगी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी और यदि किसानों को नहीं रोका तो बीजेपी नेता चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे. यानी साफ है किसान आंदोलन अब बीजेपी के लिए बहुत बड़ी मुसीबत कर चुका है.


