किसानों ने लिया मोदी सरकार को उखाड़ फैंकने का संकल्प
गोलीचालान में मारे गए किसानों की याद में एक बार फिर मध्य प्रदेश भर के किसान नेता मुलताई में जमा हुए। इस दौरान यहां किसानी घोषणापत्र 2019 पास किया गया

मुलताई। गोलीचालान में मारे गए किसानों की याद में एक बार फिर मध्य प्रदेश भर के किसान नेता मुलताई में जमा हुए। इस दौरान यहां किसानी घोषणापत्र 2019 पास किया गया, जिसमें अगले चुनाव में केंद्र की मोदी सरकार को उखाड़ फैंकने का संकल्प लिया। इस घोषणापत्र में युवाओं और मजदूरों से जुड़े मुद्दों को भी शामिल किया गया था। कार्यक्रम में शहीद किसानों की स्मृति में 24 छात्राओं को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत शहीद किसानों को श्रृद्धांजलि देने से शुरु हुई। किसानी घोषणापत्र किसान संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष जगदीश दोड़के ने प्रस्तुत किया, जिसका समर्थन एडवोकेट आराधना भार्गव, डॉ. शिवपाल यादव, हिंद मजदूर सभा के दीपक चौधरी, महाराष्ट्र से आई सपा नेत्री माया ताई चौरे ने किया। किसानों ने संकल्प लिया, कि देश को किसान आत्महत्या मुक्त बनाया जाएगा, प्रस्ताव में गोली चालान में मारे गए किसानों का शहीद स्मारक बनाने और उनके परिजनों को स्थाई नौकरी देने की मांग की गई है, इसके अलावा गन्ने के दाम 350 रुपए करने, न्यूनतम मजदूरी 18000 रुपए करने, किसानों को 5 हजार रुपए पेंशन देने, सामाजिक सुरक्षा पेंशन 2 हजार रुपए करने के साथ किसान द्वारा अपना वचन पत्र लागू करने की मांग की गई।
सम्मेलन में 14 जनवरी को भूमि अधिकार आंदोलन की बैठक और 7 फरवरी को दिल्ली में होने वाली युवाओं की रैली में अधिक से अधिक संख्या में हिस्सा लेने का संकल्प भी लिया गया। सभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने कहा कि किसानों के आंदोलन के कारण की तीन राज्यों से भाजपा की विदाई हो सकी है।
उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा ने गठबंधन कर भाजपा को सत्ता से बाहर रखने की रास्ता साफ किया है, अब कांग्रेस की जिम्मेदारी है, कि वह विपक्ष को एकजुट कर मोदी सरकार का अंत करे। बैठक में किसान नेता अखिल गोगोई, बुद्धिजीवी हीरेन्द्र गोहिया और पत्रकार मंजीत महंत के खिलाफ दर्ज किए गए देशद्रोह के मुकदमों की निंदा की गई, साथ ही अगले चुनाव में समाज को बांटने वाली सांप्रदायिक राजनीति को परास्त करने की भी अपील की गई।


