कांग्रेसियों के साथ किसानों ने दिया राजमार्ग पर धरना
तीन नामचीन कांग्रेस नेताओं की अगुवाई में करीब एक दर्जन किसानों ने आज नेशनल हाईवे पर धरना दे दिया

इटारसी। तीन नामचीन कांग्रेस नेताओं की अगुवाई में करीब एक दर्जन किसानों ने आज नेशनल हाईवे पर धरना दे दिया। हालांकि वे रोड पर अधिक देर नहीं बैठ पाए, क्योंकि उनके पास रोड रोकने की पर्याप्त वजह भी नहीं थी। एसडीएम ने भीतर चलकर बात करने को कहा तो वे रोड छोड़कर मंडी परिसर में आ गए। यह सारा वाकया हुआ, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के कृषि उपज मंडी परिसर में निरीक्षण करने और अधिकारियों से चर्चा करने के बाद।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी आज दोपहर में कृषि उपज मंडी में किसानों से मिलने पहुंचे। उन्होंने किसानों से मूंग खरीदी पर चर्चा की और खरीदी कर रही समिति के सहायक संचालक से भी बात की। पचौरी ने इस अवसर पर एसडीएम, तहसीलदार से भी खरीद संबंधी बातचीत की। करीब आधा घंटे पचौरी मंडी में रहे।
पचौरी के जाते ही रोड पर नारेबाजी: पचौरी के जाते ही कुछ कांग्रेसियों के साथ करीब एक दर्जन लोग नेशनल हाईवे पर पहुंच गए। हालांकि उनमें से ज्यादातर कांग्रेेसी थे जो आसानी से पहचाने जा सकते थे और स्पष्ट लग रहा था कि यह पूर्व नियोजित है। ये लोग अपने नेता पचौरी के चले जाने के बाद किसानों को लेकर आखिर नेशनल हाईवे पर क्यों पहुंचे? जबकि पचौरी ने किसानों की बात सुनी, प्रशासन के अधिकारियों को व्यवस्था सुधारने को भी कह दिया, फिर ऐसा क्या हो गया था कि इन नेताओं को रोड पर आकर रोड रोकने और नारेबाजी की जरूरत आन पड़ी?
एसडीओपी के सवाल पर निरुत्तर: जिस वक्त कांग्रेसी नेशनल हाईवे पर चक्काजाम का प्रयास कर रहे थे, उसके बाद किसानों को भड़का रहे एक युवक को अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अनिल शर्मा ने जमकर लताड़ लगायी। जब उससे एसडीओपी ने सवाल किए तो वह निरुत्तर हो गया और वहां से धीरे से खिसक लिया। दरअसल, यह युवक कई-कई दिन तुलाई नहीं होने की बात कर रहा था तो शर्मा ने उससे पूछ लिया कि वे स्वयं लगातार यहां आ रहे हैं, पिछले पंद्रह दिन में तो उसे कभी नहीं देखा तो युवक सकपका गया और बोला कि मैं तो आज ही आया हूं, अन्य किसान परेशान हैं। एसडीओपी ने खेती संबंधी और सवाल शुरु कर किसानों को भड़काने पर लताड़ा तो युवक धीरे से वहां से खिसक लिया।
मीडिया से ये बोले पचौरी: पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ईश्वर रेस्टॉरेंट में मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। किसानों की बदहाली पर बोले कि भारत में 70 फीसदी लोग कृषि से जुड़े हैं। किसानों की बात आती है तो वे स्वयं किसान बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनाव के वक्त किसानों से कर्जमाफी और लागत मूल्य पर पचास फीसदी अधिक समर्थन मूल्य देने का वादा किया था लेकिन सरकार बनने के बाद इन वादों को पूरा नहीं किया, यह किसानों से धोखा है। मंदसौर कांड का जिक्र करते हुए पचौरी ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे जिन पर गोलियां चलायी और छह किसानों की मौत हो गयी। किसानों की आत्महत्या का सिलसिला जारी है। उन्होंने बताया कि मंडी में उन्होंने किसानों की परेशानी जानी है। हालात दर्दनाक हैं, मूंग की ग्रेडिंग के नाम पर किसानों को परेशान कर रहे हैं। सेवा सहकारी समिति, नाफेड और दलालों के बीच सांठगांठ है। यहां तुवर की खरीद बंद है, अच्छा माल भी रिजेक्ट कर रहे हैं। मंडी में दो से तीन दिन इंतजार करना पड़ रहा है, कैंटीन बंद है, शौचालय की व्यवस्था नहीं है। किसानों से दुर्व्यवहार हो रहा है।
जीएसटी पर बोले कि हम इसके समर्थन में हैं, लेकिन कुछ प्रावधानों में बदलाव के साथ। पचौरी ने शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण को किसानों से छलावा बताया। खेती को लाभ का धंधा बनाने के मुख्यमंत्री के बयान पर उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह नौजवानों से कह रहे हैं कि खेती में मुनाफा नहीं है, किसान पुत्र खेती छोड़कर उद्योग धंधे करें। भाजपा किसानों की जमीन हड़पकर उद्योगपतियों को देना चाहती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कभी सोयाबीन स्टेट हुआ करता था, लेकिन समय पर समर्थन मूल्य तय नहीं होने, नकली बीज और नुकसान का सही मुआवजा नहीं मिलने से किसानों ने फसल लेना बंद कर दिया। पूर्व मंत्री ने रेत के अवैध खनन पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि खनिज संपदा की लूट जोरों पर है और भाजपा का खुला संरक्षण है। वन क्षेत्र मेें लकड़ी की अवैध कटाई चल रही है, स्वयं शिवराज सिंह के क्षेत्र में जंगलों की अंधाधुंध कटाई हो रही है।


