किसानों का ‘गांव बंद‘ आंदोलन हुआ शुरू, 7 राज्यों में 130 संगठन हड़ताल पर
किसानों का दस दिनों का ‘गांव बंद‘ आंदोलन आज शुरू हो गया आैर उसका असर सिरसा व फतेहाबाद जिलों में पहले दिन ही दिखने लगा

सिरसा। किसानों का दस दिनों का ‘गांव बंद‘ आंदोलन आज शुरू हो गया आैर उसका असर सिरसा व फतेहाबाद जिलों में पहले दिन ही दिखने लगा।
गावों से शहर को दूध व सब्जी की आपूर्ति रोकने के लिए दोनों जिलों में शहर व कस्बों के करीबी गावों में किसान संगठनों के प्रतिनिधि व ग्रामीण मार्गों पर डेरा डालकर बैठ गए। जिला प्रशासन ने किसान संगठनों के कड़े रुख को देखते हुए सभी उपमंडलाधीशों को अलर्ट करते हुए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिए गए हैं।
गावों में सड़कों पर डेरा डालकर बैठे इन किसानों ने सर्वप्रथम सुबह-सवेरे शहरों को दूध आपूर्ति करने वालों को रोका वहीं सिरसा स्थित वीटा मिल्क प्लांट में गावों में बनी दुग्ध समितियों से दूध लेकर आने वाले छोड़े-बड़े वाहनों को रोक लिया। कई जगह दूध ले जा रहे वाहनों की हवा तक निकाल दी। बड़े गांवों में बने बाजार पूर्णत्या बंद रहे।
फतेहाबाद के धांगड़ गांव में किसानों के राह रोकने पर माहौल तनावपूर्ण हो गया और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर जाकर स्थिति को संभाला इसी तरह सिरसा के बनवाला गांव में वीटा दूध प्लांट को सप्लाई करने वाले वाहन को रोक कर उसमें भरा दूध गुरूद्वारा में खाली करवाया वहीं गांव के जरूरतमंदों में वितरित कर वाहन को अपने कब्जे में कर लिया। वहीं नाथूसरी कलां गांव के पास सड़क पर डटे किसानों ने दूधिों दूध छीनकर मीठे दूध व पानी की छबील लगा दी। कई जगह दूधियों का दूध बिखेर भी दिया गया।

सिरसा शहर के अधिकांश हिस्सों में आज गावों से दूध सप्लाई नहीं हो सका वहीं सब्जी मंडी में रात 12 बजे के बाद बाहर से सब्जी की गाड़ियां नहीं आ सकीं। मंडी में सब्जी कम आने से आज शहर में रेहड़ियों की संख्या भी कम दिखाई दी, हालांकि सब्जी के भावों पर आज कोई खास असर दिखाई नहीं दिया।
उल्लेखनीय है कि 10 जून तक चलने वाले इस आंदोलन में देश भर के 172 किसान संगठन सामिल हैं। इस आंदोलन की तीन मुख्य मांगें हैं स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट लागू हो ताकि फसलों का वाजिब दाम मिले, किसान की संपूर्ण कर्जमाफी हो और तीसरी किसान की मासिक आय निश्चित हो।


