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किसान फसल अवशेष नहीं जलाएं, जैविक खाद के रुप में करें इस्तेमाल : राजपूत

उत्तर प्रदेश के कृषि राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत ने कहा कि किसान भाई फसल अवशेषों को जलाने बजाय कर उनका उचित प्रबंधन कर, उनसे जैविक खाद बनाएं जिससे उनके खेतों में उर्वरा क्षमता बढ़ेगी

किसान फसल अवशेष नहीं जलाएं, जैविक खाद के रुप में करें इस्तेमाल : राजपूत
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औरैया। उत्तर प्रदेश के कृषि राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत ने कहा कि किसान भाई फसल अवशेषों को जलाने बजाय कर उनका उचित प्रबंधन कर, उनसे जैविक खाद बनाएं जिससे उनके खेतों में उर्वरा क्षमता बढ़ेगी और साथ ही पर्यावरण भी संरक्षित होगा।

श्री राजपूत आज यहां जिले के विकास खण्ड भागयनगर की न्याय पंचायत खानपुर साधन सहकारी समिति में आयोजित किसान पाठशाला में किसानों को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाने पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) द्वारा जुर्माने का प्रावधान किया गया है। जिस पर राज्य सरकारों को प्रभावी कार्रवाई कर एवं दोषी किसानों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है। उन्होंने किसानों से कहा कि वह फसल अवशेष को जलाने से बचें और अपनी मिट्टी को भी बर्बाद ना करें।

उन्होंने बताया की वह पिछले दिनों कई किसान पाठशालाओ में प्रतिभाग कर चुके हैं और उन्होंने यह पाया है कि किसानों के लिए बेहद उपयोगी नवीन तकनीकी जानकारी, किसान पाठशाला में सहज सुलभ भाषा में बताई जाती है, जिससे उनका सर्वांगीण विकास संभव है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि किसी भी योजना को सफल बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। किसानों के दम पर ही उत्तर प्रदेश आज न केवल संपूर्ण भारत में सर्वाधिक अन्न उत्पादन करने वाला राज्य है, बल्कि सबसे अधिक दूध उत्पादन एवं साग भाजी उत्पादन में भी प्रदेश का प्रथम स्थान है । इसी प्रकार चीनी के उत्पादन में भी प्रदेश के किसानों ने अव्वल स्थान हासिल कर रखा है। यह सब किसानों की मेहनत से ही संभव हो सका है।

किसान पाठशाला में मौजूद डॉक्टर नरेंद्र त्रिपाठी प्रभारी कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र किसान मोर्चा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान पाठशालाओं द्वारा किसानों और वैज्ञानिकों के बीच की दूरी मिटी है। नई-नई कृषि तकनीकों, उन्नतशील बीजों की प्रजातियों और खेती के नए तौर-तरीकों को किसान पाठशालाओं के माध्यम से गांव-गांव में जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। अतः इन पाठशालाओं का भरपूर सदुपयोग करें, जिससे कि भारत सरकार और राज्य सरकार की मंशा के अनुसार वर्ष 2022 तक कृषकों की आमदनी में दोगुनी वृद्धि किया जाना संभव हो सके।

इस पाठशाला में भारतीय किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष आसाराम राजपूत, किसान मोर्चा के जिला संयोजक वंश गोपाल कुशवाहा, उप कृषि निदेशक औरैया विजय कुमार, जिला कृषि अधिकारी आवेश कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ0 अनंत कुमार एवं डॉ0 एसके सिंह उपस्थित थे। किसानों को प्रशिक्षक विश्वनाथ राजपूत द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया।


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