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किसान गणतंत्र दिवस पर शांति, अनुशासन भंग न होने देें : भूपेन्द्र हुड्डा

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा किसानों से अपील की है कि गणतंत्र दिवस पर शांति तथा अनुशासन को किसी कीमत पर भंग न होने दें अन्यथा ये आंदोलन कमजोर पड़ जायेगा

किसान गणतंत्र दिवस पर शांति, अनुशासन भंग न होने देें : भूपेन्द्र हुड्डा
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हिसार। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा किसानों से अपील की है कि गणतंत्र दिवस पर शांति तथा अनुशासन को किसी कीमत पर भंग न होने दें अन्यथा ये आंदोलन कमजोर पड़ जायेगा ।

उन्होंने आज यहां पत्रकारों से कहा कि सरकार को किसानों को डराने की बजाय मनाने की कोशिश करनी चाहिये । उन्होंने किसानों से अपील की कि राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर किसी भी कीमत पर शांति व अनुशासन भंग न होने दें। शांति व अनुशासन हुआ तो ये आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा। अनुशासन और अहिंसा किसान आंदोलन के दो सबसे बड़े हथियार हैं। इस पर टिके रहना सबसे बड़ी ताकत है। इस पथ पर हमें अडिग रहना है।

श्री हुड्डा ने कहा कि सरकार किसानों से टकराने की नीति बनाने की बजाय समाधान करें और जल्द किसानों की मांगों को पूरा करें। मैं भी एक किसान पुत्र हूं और किसानों के दु:ख-तकलीफों को समझता हूं।

वह शुक्रवार को जिले में हिसार-दिल्ली नेशनल हाइवे-9 पर स्थित रामायण टोल प्लाजा पर चल रहे किसानों के धरने पर पहुंचे और किसानों की मांगों का समर्थन किया। यहां पर किसानों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 58 दिनों से देश का अन्नदाता अपनी मांगों को लेकर सर्दी के मौसम में कड़ाके की ठंड में अपनी जायज मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, मगर सरकार उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रही।

उन्होंने कहा कि जो किसान पूरे देश का पेट भरने का काम करता है, जिसको हम अन्नदाता का रूप मानते है। वही आज सड़कों पर सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार को उनकी ओर ध्यान देना चाहिए। किसान अपने आपको असहाय न समझें, हम उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि किसी को भी किसानों की देश भक्ति पर सवाल नहीं उठाना चाहिए, बल्कि अन्नदाताओं के जज्बे को सलाम करना चाहिए।

श्री हुड्डा ने कहा कि तीन कृषि कानून रद्द करवाने के लिए चल रहे देशव्यापी किसान आंदोलन में 100 के करीब अन्नदाता शहीद हो चुके हैं, मगर सरकार का दिल फिर भी नहीं पसीज रहा। सरकार सत्ता के घमंड में पूरी तरह से चूर है, उनको पता होना चाहिए कि जो सत्ता पर बैठाना जानता है वह उसे हटाना भी जानता है।


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