Top
Begin typing your search above and press return to search.

किसान कृषि कानूनों को जानें ताकि कोई न कर सके गुमराह : खट्टर

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों और उनके संगठनों से अपील की है कि वे केंद्रीय कृषि कानूनों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी हासिल करें ताकि उन्हें कोई गुमराह न सके

किसान कृषि कानूनों को जानें ताकि कोई न कर सके गुमराह : खट्टर
X

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों और उनके संगठनों से अपील की है कि वे केंद्रीय कृषि कानूनों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी हासिल करें ताकि उन्हें कोई गुमराह न सके।

श्री खट्टर ने उनके निवास पर भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) प्रदेशाध्यक्ष गुणी प्रकाश के नेतृत्व में मिलने आए किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए कहा कि कृषि कानूनों के बारे में तथ्यात्मक जानकारी रखने वाले 30-40 किसानों का एक ऐसा समूह गठित किया जाना चाहिए जो गांव-गांव जाकर अन्य किसानों को कृषि कानूनों के फायदे और उनकी बारीकियों से अवगत करा सके। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के विरूद्ध आंदोलन करने के बजाय किसानों को इन कानूनों के लाभों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी होनी चाहिए ताकि जो लोग गलत सूचना फैला कर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं वे अपने निहित स्वार्थों को पूरा करने में कामयाब न हो सकें।

मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया यदि आवश्यक हो, तो इन कृषि कानूनों के बारे में पर्याप्त जानकारी देने के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, तभी वे अन्य किसानों को इन कृषि कानूनों के बारे में जागरूक कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि

केंद्र और राज्य सरकार किसानों और किसानी के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। पानी के महत्व को समझते हुए ‘मेरा पानी मेरी विरासत योजना’ का कार्यान्वयन ऐसे ही कईं कदमों में से एक है। उन्होंने कहा कि इस योजना को लागू करने का मुख्य उद्देश्य आने वाली पीढिय़ों के लिए भू-जल को बचाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने कभी भी नलकूप कनैक्शन देना बंद नहीं किया बल्कि किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। ट्यूबवेल कनैक्शन उसे दिया जाएगा जिसके पास 15 बीएचपी (ब्रेक हॉर्स पावर) से कम क्षमता की ट्यूबवेल मोटर हैं और जो सूक्ष्म सिंचाई को अपनाते हैं। सूक्ष्म सिंचाई के लिए राज्य सरकार द्वारा किसानों को 85 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। यह निर्णय सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेशाध्यक्ष गुणी प्रकाश के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को ‘कृषि कानूनों पर समर्थन पत्र’ सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में कैथल, यमुनानगर, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल आदि विभिन्न जिलों के बड़ी संख्या में किसान शामिल थे। श्री प्रकाश ने कहा कि पहले दिन से ही असली किसान इन कानूनों के पक्ष में हैं जबकि तथाकथित किसानों ने इस शांतिपूर्ण आंदोलन को राजनीतिक रंग दे दिया है जिसका खामियाजा उन जैसे असली किसान भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन करने वाले ज्यादातर राजनीतिक प्रतिनिधि हैं। भाकियू महासचिव उदय भान ने कहा कि विपक्ष खासकर कांग्रेस अपने राजनीतिक निहित स्वार्थों को आगे बढ़ाने के लिए किसानों के जीवन को खतरे में डालकर अपनी राजनीति कर रही है। जो असली किसान हैं वे इन कृषि कानूनों के समर्थन में हैं।

श्री प्रकाश ने किसानों के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए गए कार्यों के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि हर किसान का कल्याण सुनिश्चित करना इस सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1993 से किसान इस तरह के कृषि कानूनों की मांग कर रहे थे और जबसे नए कृषि कानून आए हैं पहले दिन से ही असली किसान इन कानूनों के पक्ष में हैं। “हम जानते हैं कि ये तीन कानून निश्चित रूप से कृषि क्षेत्र में एक बड़ा सुधार साबित होंगे। क्योंकि इनसे न केवल किसानों को देश में कहीं भी अपनी उपज बेचने के लिए आजादी मिलेगी बल्कि एमएसपी और मंडी प्रणाली को भी कोई नुकसान नहीं होगा“।

रोहतक से आए किसान उदय भान, अंबाला के नरतक सिंह, और अन्य किसानों ने कहा कि वे कृषि कानूनों के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं। इसके अलावा, किसानों को इन कानूनों के लाभों को समझाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल ने इस सीजन में फसलों की खरीद का सीधा भुगतान किसानों के खातों में जमा करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह पहला मौका है जब उन्हें अपनी बेची गई फसल के पैसे लेने के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ा। सीधे भुगतान हस्तांतरित करने के निर्णय से निश्चित रूप से बड़े पैमाने पर किसानों को लाभ हुआ है। अब किसानों को अपनी मेहनत की कमाई के लिए आढ़तियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को प्रगतिशील किसान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया। कार्यक्रम कुरुक्षेत्र में होने की संभावना है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि इन कानूनों का समर्थन करने वाले किसानों का मनोबल बढ़ाने के लिए कार्यक्रम में अगर मुख्यमंत्री शिरकत करेंगे तो यह बड़े गर्व की बात होगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल और मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार विनोद मेहता भी उपस्थित थे।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it