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गंगनहर में पानी के उताव चढ़ाव से रुष्ट किसानों ने किया प्रदर्शन

राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले को सिंचित करने वाली गंगनहर (बीकानेर नहर) में आज पंजाब से पानी का एकाएक उतार-चढ़ाव होने से किसान विचलित हो गए जबकि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों में हड़कम्प मच गया

गंगनहर में पानी के उताव चढ़ाव से रुष्ट किसानों ने किया प्रदर्शन
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श्रीगंगानगर। राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले को सिंचित करने वाली गंगनहर (बीकानेर नहर) में आज पंजाब से पानी का एकाएक उतार-चढ़ाव होने से किसान विचलित हो गए जबकि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों में हड़कम्प मच गया।

सूत्रों ने बताया कि दोपहर तक गंगानगर किसान समिति के पदाधिकारी जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदननकाते और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के पास जा पहुंचे, उससे पहले ही विभाग ने मौके की नजाकत को भांपते हुए अधिकारियों को पंजाब दौड़ा दिया गया। दोपहर बाद पानी की मात्रा में कुछ सुधार हुआ, लेकिन शाम को फिर उपलब्धता में कमी आ गई। पानी के इस उतार-चढ़ाव से गंगनहर परियोजना की पांच नहरें प्रभावित हुईं, इससे जुड़े किसानों का भी काफी नुकसान हो गया।

इस स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब में राजस्थान के पानी पर नजर रखने वाले जल संसाधन विभाग के दोनों अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाये। उन पर जांच बिठाते हुए उन्हें चार्जशीट देकर स्पष्टीकरण तलब किया जाये। गंगानगर किसान समिति के संयोजक रणजीतसिंह राजू, प्रवक्ता संतवीरसिंह मोहनपुरा, शुभम अरोड़ा, मंगलसिंह बसरा, बॉबी बराड़, विनोद खीचड़, पालसिंह संधू, बॉबी प्रधान आदि किसान प्रतिनिधि दोपहर लगभग 12 बजे जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदननकाते से मिले।

उन्हें बताया गया कि राजस्थान-पंजाब सीमा पर गंगनहर के खखां हैड पर एक हजार 50 क्यूसेक पानी ही रह गया है, जबकि यह 2000-2200 क्यूसेक से ज्यादा होना चाहिए। एकाएक आई कमी से पांच नहरें प्रभावित हो गई हैं। श्रीगंगानगर में अभी तक मॉनसून पूर्व की बारिश भी नहीं हुई है। किसानों को पानी की अत्यधिक जरूरत है।

बाद में किसान जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से मिले तो बताया गया कि अधिशाषी अभियंता (रेगुलेशन) महेन्द्र चारण को पहले ही इसका पता लगाने के लिए पंजाब रवाना किया जा चुका है। अपराह्न महेन्द्र चारण ने पंजाब में गंगनहर की आरडी 45 हैड पर पहुंचकर किसानों को बताया कि हरीके बैराज से निकलने वाली फिरोजपुर फीडर नहर मेें अत्यधिक मात्रा में केळी (जलकुम्भी) आने की वजह से बंगाली पुल सहित दो-तीन अन्य पुलों में यह केळी फंस गई है, इससे नहर टूटने का खतरा उत्पन्न हो गया।

फिरोजपुर फीडर की हालत पहले से ही खस्ता है। इसी कारण पंजाब नहरी विभाग के अधिकारियों ने पीछे हैड से पानी कम करवाया है। आज इन पुलों में फंसी हुई केळी को निकलवा दिया गया है, जिसके बाद पानी की मात्रा में फिर से बढ़ोत्तरी की जा रही है। शाम लगभग पांच बजे आरडी 45 हैड से 1800-1900 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, लेकिन इसके दो घंटे बाद फिर से कमी आ गई। किसान प्रतिनिधियों ने बताया कि यह कमी अस्थाई है। रात को पानी में वृद्धि होगी, कल दोपहर बाद खखां हैड पर 1900-2000 क्यूसेक पानी उपलब्ध हो जाने की सम्भावना है।


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