किसानों के भारत बंद का जबरदस्त असर , रेल, सड़क यातायात बुरी तरह से प्रभावित
आज सुबह 6 बजे से शुरू हुआ किसानों का भारत बंद 4 बजे समाप्त हो गया

आज सुबह 6 बजे से शुरू हुआ किसानों का भारत बंद 4 बजे समाप्त हो गया. बंद का असर पूरे देश में दिखाई दिया. आंदोलन का सबसे ज्यादा असर पंजाब में देखा जा रहा है और बंद के दौरान पंजाब पूरी तरह से ठप दिखाई दिया. सभी हाईवे किसानों ने जाम कर दिए थे. शहर में भी इक्का दुक्का वाहन ही दिखाई दे रहे थे. लुधियाना में किसानों ने 40 जगह धरना दिया. मोगा-फिरोजपुर और मोगा-लुधियाना हाईवे पर वाहन नहीं दिखाई दिए. दिल्ली जाने वाला रास्ता भी बंद कर दिया गया. रेल यातायात भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ. उत्तर रेलवे के मुताबिक अंबाला और फिरोजपुर मंडल में करीब 25 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. हरियाणा में विरोध कर रहे किसानों ने चरखी दादरी में राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया. जबकि कुरुक्षेत्र में भी कई सड़कों को बाधित किया गया. बहादुरगढ़ में किसानों ने रेल ट्रैक पर ही धरना दिया. जिस कारण रेल संचालन ठप पड़ गया. गुड़गांव, सोनीपत, फरीदाबाद में भी बंद का असर दिखाई दिया. गुड़गांव बॉर्डर पर तो किसानों के विरोध के चलते कई किलोमीटर लम्बा जाम भी लग गया. यूपी में भी बंद का असर देखा गया. दिल्ली—मेरठ हाईवे पर किसानों ने जाम लगा दिया. मुजफ्फरनगर, मथुरा बागपत में भी जगह जगह किसानों ने हाईवे जाम किया. लखनऊ में भी प्रदर्शन हुआ. नोएडा में किसानों ने प्राधिकरण का घेराव भी किया. केरल में सत्तारूढ़ वामदल और कांग्रेस दोनों ही बंद के समर्थन में थे. जिस कारण यहां बंद पूरी तरह से सफल रहा. सरकारी कार्यालयों में भी उपस्थिति बेहद कम रही. बाजार पूरी तरह से बंद थे रेल और सड़क आवागमन भी ठप पड़ा रहा. बिहार में आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के कार्यकर्ता किसानों के साथ सुबह से ही सड़क पर दिखाई दिए. पटना, वैशाली, आरा, दरभंगा, अरवल, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल समेत कई जिलों में महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने धरना दिया, सड़क जाम की. अधिकांश स्थानों पर बंद शांतिपूर्ण रूप से सफल रहा. उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले गांधी सेतु को प्रदर्शनकारियों ने बंद कर दिया. बाद में इसे खोल दिया गया. आरा में आरा-सासाराम हाईवे, बेगूसराय में NH-31 को जाम किया गया. पश्चिम बंगाल में जगह जगह ट्रेन रोकी गई. यहां सत्ताधारी टीएमसी ने किसानों की मांगों का समर्थन किया है. लेकिन बंद से टीएमसी कार्यकर्ता दूर रहे. लेकिन लेफ्ट और कांग्रेस समर्थकों ने कई स्थानों पर प्रदर्शन किया. झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु में भी बंद का व्यापक असर देखा गया. बंद की सफलता पर राकेश टिकैत ने कहा कि
राकेश टिकैत, किसान नेता
हमारा भारत बंद सफल रहा. हमें किसानों का पूरा समर्थन मिला… हम सब कुछ सील नहीं कर सकते क्योंकि हमें लोगों की आवाजाही का भी ध्यान रखना है. हम सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन कोई बातचीत नहीं हो रही.
भारत बंद को अभूतपूर्व व ऐतिहासिक बनाने के लिए देशभर के किसान, मजदूर, छात्रों कर्मचारियों व ट्रेड यूनियन सहित युवाओं और व्यापारियों का हार्दिक आभार जिन्होंने परेशानी सहकर भी भारत बंद का समर्थन किया ।#BharatBandh pic.twitter.com/iYbneQAu5m
किसानों ने तो अपनी ताकत दिखा दी. अब बारी सरकार की है कि वो किसानों से बातचीत कर उनकी मांगों का समाधान करे.


