Top
Begin typing your search above and press return to search.

कोरोना महामारी के दौरान किसानों ने रिकार्ड उत्पादन किया: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि कोरोना महामारी के दौरान एक तरफ़ किसानों ने रिकार्ड उत्पादन किया वहीं दूसरी तरफ़ रिकार्ड फसल खरीदी भी की गई है

कोरोना महामारी के दौरान किसानों ने रिकार्ड उत्पादन किया: पीएम मोदी
X

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि कोरोना महामारी के दौरान एक तरफ़ किसानों ने रिकार्ड उत्पादन किया वहीं दूसरी तरफ़ रिकार्ड फसल खरीदी भी की गई है।

पीएम मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में आज कहा कि पिछले डेढ़ सालों में कोरोना योद्धाओं का खूब समर्पण और परिश्रम देखा है लेकिन इस लड़ाई में बहुत बड़ी भूमिका देश के कई क्षेत्रों के अनेक वरियर्स की भी है। हमारे देश पर इतना बड़ा संकट आया, इसका असर देश की हर एक व्यवस्था पर पड़ा। कृषि-व्यवस्था ने ख़ुद को इस हमले से काफी हद तक सुरक्षित रखा। सुरक्षित ही नहीं रखा, बल्कि प्रगति भी की, आगे भी बढ़ी। इस महामारी में भी हमारे किसानों ने रिकार्ड उत्पादन किया है ? किसानों ने रिकार्ड उत्पादन किया, तो इस बार देश ने रिकार्ड फसल खरीदी भी की है। इस बार कई जगहों पर तो सरसों के लिए किसानों को एमएसपी से भी ज्यादा भाव मिला है।

उन्होंने कहा कि रिकार्ड खाद्यान्न-उत्पादन की वजह से ही हमारा देश हर देशवासी को संबल प्रदान कर पा रहा है।आज इस संकट काल में 80 करोड़ ग़रीबों को मुफ़्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि ग़रीब के घर में भी कभी ऐसा दिन न आए जब चूल्हा न जले।

पीएम मोदी ने कहा, “ आज हमारे देश के किसान, कई क्षेत्रों में नई व्यवस्थाओं का लाभ उठाकर कमाल कर रहे हैं। जैसे कि अगरतला के किसानों को ही लीजिए ! ये किसान बहुत अच्छे कटहल की पैदावार करते हैं। इनकी मांग देश-विदेश में हो सकती है, इसलिए इस बार अगरतला के किसानों के कटहल रेल के जरिए गुवाहाटी तक लाये गए। गुवाहाटी से अब ये कटहल लंदन भेजे जा रहे हैं। ऐसे ही आपने बिहार की ‘शाही लीची’ का नाम भी सुना होगा। 2018 में सरकार ने शाही लीची को जीआई टैग भी दिया था ताकि इसकी पहचान मज़बूत हो और किसानों को ज़्यादा फ़ायदा हो। इस बार बिहार की ये ‘शाही लीची’ भी हवाई-मार्ग से लंदन भेजी गई है। पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण हमारा देश ऐसे ही अनूठे स्वाद और उत्पादों से भरा पड़ा है।”

उन्होंने कहा दक्षिण भारत में, विजयनगरम के आम के बारे में आपने ज़रुर सुना होगा ? अब भला ये आम कौन नहीं खाना चाहेगा ! इसलिए, अब किसान-रेल, सैकड़ों टन विजयनगरम आम दिल्ली पंहुचा रही है। दिल्ली और उत्तर भारत के लोगों को विजयनगरम आम खाने को मिलेगा और विजयनगरम के किसानों को अच्छी कमाई होगी। किसान-रेल अब तक करीब – करीब 2 लाख टन उपज का परिवहन कर चुकी है। अब किसान बहुत कम कीमत पर फल, सब्जियाँ, अनाज, देश के दूसरे सुदूर हिस्सों में भेज पा रहा है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it