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राजस्थान में किसान नेताओं की धरपकड़ जारी

राजस्थान में अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा किए जाने वाले विधानसभा घेराव को रोकने के लिए आज दिन भर किसान नेताओं की धरपकड़ जारी रही

राजस्थान में किसान नेताओं की धरपकड़ जारी
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नई दिल्ली। राजस्थान में अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा किए जाने वाले विधानसभा घेराव को रोकने के लिए आज दिन भर किसान नेताओं की धरपकड़ जारी रही। पुलिस ने तहसील स्तर तक के किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है, दूसरी तरफ रेल्वे स्टेशन और बस स्टैण्ड पर आने वाले किसान कार्यकर्ताओं की भी गिरफ्तारी की जा रही है। किसान आंदोलन पर होने वाले इस तरह के दमन के खिलाफ आज सीकर पूरी तरह बंद रहा, वहीं राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में किसानों ने प्रदर्शन किए।

दूसरी तरफ पुलिस अभिरक्षा में बंद माकपा राज्य सचिव किसान नेता आमरा राम ने किसानों से अपील की है, कि वे अपने तय कार्यक्रम के अनुसार जयपुर कूच करें और पुलिस जहां रोके, वहीं जाम करके शांतिपूर्ण तरीके से बैठ जाएं। पुलिस ने किसान नेताओं के साथ माकपा व एसएफआई के नेताओं को भी गिरफ्तार कर लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जयपुर में माकपा कार्यालय को भी पुलिस ने पूरी तरह घेर रखा है और हर आने जाने वाले पर नजर रखी हुई है। आज जयपुर में जब मुख्यमंत्री का पुलता जलाने की कोशिश की, तो पुलिस ने तमाम नेताओं को गिरफ्तार कर लिया और बाद में शहर से दूर ले जाकर छोड़ा।

पुलिस की इस कार्यवाई के विरोध में सीकर आज पूरी तरह बंद रहा, यहां किसानों के इस आंदोलन को व्यापारी संगठनों ने समर्थन किया है। इससे पहले जब सितम्बर 2017 में सीकर में किसान आंदोलन चला था, उस समय भी व्यापारियों ने इसे पूरी तरह समर्थन किया था। इसके अलावा बीकानेर, गंगानगर, चूरु, झुंझुनू, कोटा, उदयपुर, डोंगरपुर,जयसलमेर, उदयपुर में किसानों ने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के पुलते जलाए।

इसी बीच अखिल भारतीय किसान सभा ने भाजपा-आरएसएस की वसुन्धरा सरकार द्वारा किसानों पर चलाये जा रहे गिरफ्तारियों के दौर तथा दमनचक्र की कड़े शब्दों में निन्दा की है। किसान सभा ने मांग की है, कि सरकार राज्य के किसानों के सब्र का इम्तिहान न ले और तुरन्त गिरफ्तार किये हुए सभी किसान नेताओं-कार्यकत्ताओं को बिना शर्त रिहा करे और सरकार द्वारा किसानों के साथ किये गये समझौते में सभी किसानों के 50,000 रूपये तक के सभी प्रकार के कर्जा माफ करने सहित अपने अन्य वादों को पूरा करे। किसान सभा ने कहा है, कि सरकार अपने दमनात्मक कदमों को रोककर किसानों की मांगे नहीं मानती तो आगे किसान आंदोलन और ज्यादा तीखा एवं उग्र होगा जिसकी जिम्मेदार राजस्थान सरकार होगी।

किसान नेताओं ने की राजस्थान सरकार की निंदा

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, एनएपीएम ने राजस्थान की भाजपा सरकार द्वारा किसान आंदोलन को कुचलने हेतु की गई दमनात्मक कार्यवाही की निंदा करते हुए राजस्थान में गिरफ्तार किए गए किसान सभा के सभी नेताओं को तत्काल रिहा करने की मांग की है।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा जारी की गयी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आगामी 22 फरवरी को अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा सीकर आंदोलन के बाद किसानों के साथ किए गए समझौते को लागू किए जाने तथा सरकार की घोषणा के खिलाफ जयपुर में किसानों के महापड़ाव की घोषणा की गई थी लेकिन राजस्थान पुलिस द्वारा महापड़ाव के पहले ही विभिन्न जिलों से किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मार्क्सवादी पार्टी के राज्य सचिव अमराराम, पूर्व विधायक पेमाराम, पूर्व विधायक पवन दुग्गल, पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल, श्योपत मेघवाल, महामंत्री छगनलाल चौधरी, किशन पारिख, इंदर सिंह पूनिया, शहीद कान्हाराम के भाई मंगल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का कहना है, कि भारत का संविधान देश के हर नागरिक को स्वतंत्र अभिव्यक्ति एवं एकजुट होने का अधिकार प्रदान करता है। परंतु राजस्थान सरकार द्वारा नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है।


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