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किसान प्राकृतिक आपदा से ज्यादा सरकारी रवैये से संकट में : अखिलेश

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की नीतियों की वजह से अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट और बर्बाद हो गई है

किसान प्राकृतिक आपदा से ज्यादा सरकारी रवैये से संकट में : अखिलेश
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की नीतियों की वजह से अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट और बर्बाद हो गई है। किसान प्राकृतिक आपदा से ज्यादा सरकारी रवैये से संकट में हैं। अखिलेश ने बुधवार को यहां अपने जारी बयान में कहा कि, "भाजपा ने कर्ज माफी, आय दोगुनी करने तथा उपज की उत्पादन लागत का डेढ़ गुना दाम देने के झूठे वादों से उसके वोट ले लिए और फिर कॉरपोरेट के पास उसको बंधक बनाने की साजिश को अंजाम दे दिया। इस कारण किसान सरकारी रवैये से ज्यादा संकट में हैं।"

उन्होंने कहा कि, "आज बेमौसम बरसात और धान की खरीद में भ्रष्टाचार के चलते किसान बदहाली में है और ऐसे में किसान आत्महत्या नहीं करेंगे तो क्या करें। बेमौसम बरसात से खेतों में तैयार और खलिहान में पड़ी धान की फसल खराब हो गई है। तिलहनी फसलों को भी नुकसान हुआ है। कई स्थानों पर धान क्रय केंद्रों के बाहर खुले में रखा धान भी भीगकर खराब हो गया। पराली जलाने को लेकर भी किसानों का उत्पीड़न हो रहा है।"

सपा मुखिया ने कहा कि, "किसान के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1888 रूपए प्रति क्विंटल है किन्तु बाजार में उसे हजार, बारह सौ रूपये में ही धान बेचना पड़ रहा है। धान क्रय केंद्रों पर किसान को अपमानित किया जाता है। धान की खरीद में कई बाधाएं डाली जाती हैं। धान की क्वालिटी, नमी आदि कमियां बता कर किसान को लौटा दिया जाता है।"

अखिलेश ने कहा कि, "किसान को बाजार से मंहगा डीजल, खाद, कीट नाशक, खेती के उपकरणों की खरीद करनी पड़ती है। भाजपा राज में एक अक्टूबर 2020 से डीएपी खाद पर 50 रूपये और एनपीके खाद पर 78 रूपये प्रति बोरी दाम बढ़े हैं।"


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