पंजाब-हरियाणा से किसानों का जत्था दिल्ली के लिए हुआ रवाना, बैठक में बनेगी रणनीति
देश में जहां कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर देश का अन्नदाता अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर है

नई दिल्ली। देश में जहां कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर देश का अन्नदाता अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर है। जी हां पिछले तीन दिन से लगातार देश के किसान राजधानी दिल्ली आने के लिए सरकार से लड़ रहे थे और कल जाकर आखिरी में उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत मिली। आज शनिवार को राजधानी दिल्ली में देश के कई हिस्सों से आए किसानो ने अपना डेरा डाल दिया है। जितनी बड़ी संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं उसे देखकर तो साफ है कि देश की सत्ता में काबिज सरकार ने ऐसे फैसले ले लिए हैं जो शायद उन्हें नहीं लेने चाहिए थे। फिलहाल तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध-प्रदर्शन और धरना जारी है।
दिल्ली पहुंचे किसानों की आज बैठक हो रही है, जिसमें वो आगे की रणनीति तय करेंगे। इस बैठक में किसान ये सुनिश्चित करेंगे की वो सरकार के सामने आपनी कौन सी मांगे लेकर जाएंगे और इन मांगों को किस तरीके से मनवाना है। वैसे ये साफ है कि किसानों की एकमात्र मांग यहीं है कि सरकार जिन तीन नए कृषि कानूनों को लेकर आई है वो उन्हें वापस ले ले क्योंकि इस कानून के चलते तिसानों का भविष्य खतरे में हैं। फिलहाल इस बैठक पर सभी की नजरें टिकी हुई है।
आपको बता दें कि इससे पहले शुक्रवार-शनिवार की रात हजारों किसानों ने हरियाणा-दिल्ली सिंघु बॉर्डर पर गुजारी। बॉर्डर पर भारी सुरक्षा बल की तैनाती की गई है ताकि किसी भी तरीके की अनहोनी ना हो। दिल्ली सरकार से बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाजत मिलने के बाद पंजाब और हरियाणा से किसानों का नया जत्था भी रवाना हो चुका है। आज शनिवार को किसानों का और जत्था दिल्ली पहुंचने वाला है। बुराड़ी ग्राउंड में किसानों के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। रहने से लेकर खाने पीने तक की सारी सुविधाएं बुराड़ी ग्राउंड में की जा चुकी है। अब देखना होगा की आज शनिवार को किसानों का ये विरोध प्रदर्शन किस ओर जाता है। फिलहाल पुलिस से जंग जीतकर किसान दिल्ली पहुंच चुके हैं और अब केंद्र सरकार से बातचीत करना उनका एक मात्र लक्ष्य है।


