अवैध खांडसारी उद्योगों को गन्ना बेचने किसान मजबूर
रघुनाथपुर स्थित सहकारी गन्ना क्रय केन्द्र से ज्यादा गन्ना इन दिनों क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित हो रहे खांडसारी उद्योगों में आवक हो रही

रघुनाथपुर। रघुनाथपुर स्थित सहकारी गन्ना क्रय केन्द्र से ज्यादा गन्ना इन दिनों क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित हो रहे खांडसारी उद्योगों में आवक हो रही है। मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना केरता के इन क्रय केन्द्रों में परिवहनकर्ता की मनमानी से त्रस्त क्षेत्र के गन्ना कृषक मजबूर होकर अवैध खांडसारी उद्योग में बेचने मजबूर हो रहे हैं। गन्ना कृषकों की माने तो पिछले दिनों परिवहनकर्ता के दलालों द्वारा अवैध वसूली की शिकायत सही पाए जाने पर मिली कड़ी फटकार का बदला परिवहनकर्ता ने ट्रकों का मनमानी संचालन करते हुए निकाल रहा है। बेलकोटा स्थित अवैध खांडसारी मिल में गन्ना बिक्री करने आए गहिला ग्राम के गन्ना कृषक मंदरू राम सिलसिला निवासी लालबिहारी कोरवा ने बताया कि रघुनाथपुर स्थित गन्ना खरीदी केन्द्र में टोकन तो आसानी से मिल जाता है मगर परिवहनकर्ता द्वारा भेदभाव किए जाने के कारण कई किसानों को सप्ताह भर का इंतजार करना पड़ जाता है जिससे हमें कम वजन के साथ-साथ अतिरिक्त परिवहन राषि खर्च करनी पड़ती है।
इस कारण हम इन्हीं खांडसारी उद्योगों में गन्ना बेचने को मजबूर हैं। वहीं जब से गन्ना खरीदी केन्द्र रघुनाथपुर प्रारंभ हुई है तभी से क्षेत्र के कृषक हर वर्ष परिवहनकर्ता की मनमानी का षिकार होते आ रहे हैं। इस वर्ष प्रबंधन की कड़ाई के कारण यह संभव नहीं हो पाया तो परिवहनकर्ता के दलाल सात सौ रूपए लेकर किसानों को ट्रक उपलब्ध कराने लगें। अवैध वसूली के खिलाफ क्षेत्रीय विधायक व तहसीलदार लुण्ड्रा की कड़ी फटकार मिलते ही उन्होंने पैतरा बदल दिया। अब जो कृषक उनके खिलाफ आवाज उठाई उन्हें टोकन मिलने के सप्ताह भर बाद बड़ी मुष्किल से वाहन मिली तथा दलालों ने उन्हें धमकाते हुए आवाज उठाने पर सबक सिखने की नसीहत दे डाली।
परिवहनकर्ता के इस व्यवहार से केरता स्थित सहकारी षक्कर कारखाने का उत्पादन तो प्रभावित हो ही रही है। लुण्ड्रा क्षेत्र में ही बेलकोटा, बटवाही, लुण्ड्रा, धौरपुर, किरकिता सहित कई अवैध खांडसारी उद्योग धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। परिवहनकर्ता की मनमानी के खिलाफ हमने डीएम को सूचना दे दी है। अवैध खांडसारी उद्योंगों के खिलाफ शीघ्र छापामार कार्रवाई की कार्ययोजना बनाई जा रही है। वास्तव में क्षेत्र में संचालित हो रही इन अवैध खांडसारी उद्योगों के कारण कारखाने को नुकसान हो रहा है।


