किसानों को सूखा राहत और फसल बीमा का लाभ नहीं
विकासखंड के ग्राम पंचायत उलखर में कृषकों को सूखा राहत फसल बीमा अकाल पीड़ित किसानों को लाभ की मांग की थी

सारंगढ़। विकासखंड के ग्राम पंचायत उलखर में कृषकों को सूखा राहत फसल बीमा अकाल पीड़ित किसानों को लाभ की मांग की थी। उक्त शिकायत कोतरी के लोक सुराज एवं सारंगढ़ एसडीएम के साथ विधायक सहित कई जनप्रतिनिधियों से की गई उसके बावजूद भी अब तक किसी प्रकार की सूखा फसल बीमा अकाल कृषकों स्वीकृत नहीं हो पाई है।
किसान राजू निषाद गोपाल प्रसाद अमृतलाल चंद्रा रूप नारायण चंद्रा बाबूलाल चंद भुनेशवर द्वारका प्रसाद भरत लाल राम नारायण लखनलाल जेठाराम कर्ज चंद्रभूषण राम कुमार ललिता बाई रोहित कुमार मदनलाल श्रीवास यादराम जनकराम हेमलता सुकलाल आदि किसानों ने बताया कि पूर्व में हमारे द्वारा ग्राम पंचायत पोखर के किसानों द्वारा सूखा राहत फसल बीमा अकाल पीड़ित किसानों को लाभ स्वीकृति की मांग की गई थी।
जिसमें अब तक किसी भी प्रकार की मांग पूरी नहीं हो पाई है जबकि ग्राम उलखर भी अकाल की चपेट में है और कुछ कृषकों थोड़े बहुत धान पाए हैं तो घरेलू खर्च के वास्ते सेवा सरकारी समिति उलखर में बिक्री किया गया उसमें भी कृषक रीड में कटौती लिया गया और बहुत से कृषकों को ध्यान ही नहीं मिलने के कारण वे कृषक धान खरीदी केंद्र में बिक्री ही नहीं कर पाए हैं।
जिससे हम कृषक गणों की परेशानियों से जुड़ना पड़ रहा है इस वर्ष फसल राजस्व निरीक्षक रिपोर्ट में उलखर की रिपोर्ट 50 परसेंट पैदावार किया गया है जबकि उलखर गांव के चारों दिशाओं के समस्त ग्रामों के राजस्व निरीक्षक फसल पैदा वार का रिपोर्ट राजस्व विभाग मैं दिया गया है जय के चारों दिशाओं के तेरा गांव में उनके दूरी आधा से 2 किलोमीटर समस्त 13 ग्राम कुर्राहा चुरेला खैरा भंवरादादर गोपाल भौना छुही पाली नेकाइटार सुंदर भाटा सुलोनी भंवरपुर आमकोनी आदि।
यहां का फसल पैदावार जादा प्रतिशत देने के कारण हम उलखर के कृषको को कृषि संबंध सुखा राहत फसल बीमा शासकीय अन्य योजना से वचिंत रह गये है।
उक्त बरिश का आंकलन उलखर के समस्त तालाबों की पानी भराव एव भू जल गिराव का निरीक्षण दल नियुक्ति कर रिपोर्ट के आधार कम बारिश के कारण फसल न होने के कारण सुखा घोषितण् कर ग्राम उलखर के समस्त कृषको को फसल मुआवजा एव फसल बीमा का लाभ दिलाने एव शासन के अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग की गई थी जो अब तक पूर्ण नहीं हो पाई है जिससे किसानों को आगामी दिनों में परेशानी का सामना करना पड़ेगा ।


