परंपरागत फसलों की खेती को छोडकर अधिक आय देने वाली फसलों की खेती करें - नितिन गडकरी
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि किसानो को परंपरागत फसलों की खेती को छोडकर अधिक आय देने वाली फसलों की खेती के लिए आगे आने के साथ ही उन्हे नये प्रयोगों

रायपुर। केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि किसानो को परंपरागत फसलों की खेती को छोडकर अधिक आय देने वाली फसलों की खेती के लिए आगे आने के साथ ही उन्हे नये प्रयोगों और अनुसंधानों को अपनाना होगा।
श्री गडकरी राजधानी के नजदीक जोरा में आयोजित पांच दिवसीय राष्ट्रीय कृषि मेले के तीसरे दिन कल शाम मेला परिसर में आयोजित कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत चावल, गेहू एवं अन्य अनाजों के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो चुका है।
इसलिए अब किसानों को अनाज के स्थान पर दलहन-तिलहन और अन्य ऐसी फसलों का उत्पादन करना होगा जिनका हम विदेशों से आयात करते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में प्रमुख फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी के बावजूद खेती की लागत में इजाफा होने के कारण किसानों को उनकी उपज की उचित कीमत नहीं मिल पा रही है।
आज चावल, गेहूं, सोयाबीन और शक्कर की कीमत अन्तर्राष्ट्रीय बाजार द्वारा तय होती है। फसलों की कीमत मांग और आपूर्ति के सिद्धान्त पर निर्भर करती है।
आज पूरा विश्व खुले बाजार के रूप में काम कर रहा है। अन्य देशों में फसलों की कीमत कम होने पर यहां भी उनकी कीमतों में गिरावट आना तय है।
उन्होने कहा कि किसानों को ऐसी फसलों के उत्पादन के लिए आगे आना होगा जिनकी कीमतें अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अच्छी है।
इसके साथ ही उन्हें फसलों के मूल्य संवर्धन और समन्वित खेती के मॉडल को अपनाना होगा, जहां फसल उत्पादन के साथ-साथ पशुपालन, डेयरी, मछलीपालन, शहद उत्पादन आदि को भी शामिल करना होगा।


