सूखा राहत, मुआवजा के लिए किसानों का 'हल्ला' बोल
जिले में सूखा व अकाल को लेकर आज जिले के कई गांव के किसानों ने घेराव कर दिया
बिलासपुर। जिले में सूखा व अकाल को लेकर आज जिले के कई गांव के किसानों ने घेराव कर दिया। सूखा राहत खोलने तथा बर्बाद फसल के बदले मुआवजा राशि मांगी मस्तूरी क्षेत्र के किसानों ने आरोप लगाया कि पिछले कई साल से खूंटाघाट डेम का पानी केंवटाडीह के खेतों में नहीं पहुंच रहा। इस बार तो पूरी फसल चौपट है। किसान पलायन को मजबूर हैं। मस्तूरी क्षेत्र के ही चौहा गांव समेत एक दर्जन गांव के किसान सूखा से चिंतित है। आज ट्रेक्टर में सवार होकर चौहा के किसान कलेक्टर के पास पहुंचे और कहा कि गांव में सूखा है, राहत काम बंद है, मनरेगा का भुगतान नहीं किया गया अफसरों ने इस गांव में झांका तक नहीं। किसान पलायन को मजबूर हैं। तत्काल गांव में राहत काम शुरू किया जाए।
सबसे पहले मस्तूरी क्षेत्र के चौहा गांव के किसान दलबल के साथ के कलेक्टे्रट पहुंचे। यहां के किसान भूषण सुमन, जय खूंटे, तनेश्वर भैयालाल, जीवन लाल, दशरथ लाल, गोरेलाल छोटे किसानों ने गांव की दुर्दशा बताते हुए कहा कि चौहा गांव में पूरे खेत सूख गए हैं। पानी नहीं गिरने से अकाल की स्थिति है। 100 प्रतिशत खेत सूख पड़े हैं। इस बार भी किसानों का बीमा किया गया लेकिन अभी तक अफसर गांव में सूखे का आंकलन करने नहीं पहुंचे और न ही अनावरी रिपोर्ट जारी की है। गांव के इन किसानों का कहना है कि चौहा गांव में अब किसान परिवार रोजी-रोटी की तलाश में ईंट भ_ा काम करने जाएंगे। किसानों ने यह भी कहा कि एक एकड़ खेत में यदि 30 हजार रूपए का धान बिकता है तो कम से कम आधी राशि किसानों को मुआवजा के रूप में सरकार दें। बोनस राशि का भुगतान किया जाए। किसान कर्ज से लदे हैं। कर्ज भी माफ किया जाए।
भैयालाल समेत अनेक किसानों ने कहा कि यदि मस्तूरी क्षेत्र में किसानों की मांग पूरी नहीं होगी तो आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। वहंी चौहा गांव के अलावा टिकारी, केंवटाडीह समेत अनेक गांव में सूखा स्थिति है। ग्राम पंचायत केंवटाडीह भूतहा की सरपंच फूलेश्वरी गोंड़ आज किसानों के साथ कलेक्टे्रट पहुंची। भूतहा के किसानों ने बताया कि इस गांव में खारंग जलाशय का अंतिम छोर में नहर का पानी नहीं पहुंचता है। खारंग जल संसाधन विभाग द्वारा खूंटाघाट डेम से नहर में पानी छोड़ा जाता है, लेकिन भूतहा गांव तक नहर का पानी नहीं पहुंचता। यहां फसल की स्थिति काफी खराब है। इस बार वर्षा भी नहीं हुई है। अब बारिश होती भी है तो फसल नहीं बचेगी। किसान परेशान है। इस गांव में पिछले तीन सालों से फसल नहीं हुई है। यहां इस बार भी सूखा है। अभी तक केंवटाडीह गांव की अकालग्रस्त घोषित नहीं किया गया है। चौहा गांव में अभी यह स्थिति है कि कई किसानों को अब रोजी-रोटी की चिंता सताने लगी है। गांव में काम नहीं है। आखिर गांव के किसानों के बेटे बेरोजगार हैं। अब कहां जाए? घर चलाने की चिंता सता रही है। आज जिले के कई गांव में यही स्थिति है अब तो कलेक्टर के जनदर्शन में बस सूखा को लेकर आक्रोश दिख रहा है। पेंशन, चांवल तथा गड़बड़ी की शिकायत लेकर पहुंचे कई गांव के किसानों ने अकाल पर चिंता जताई। कलेक्टर के जनदर्शन में आज काफी भीड़ थी।
विधायक लहरिया नहीं पहुंचे
किसानों ने विधायक दिलीप लहरिया को यहां पर बुलाया था लेकिन विधायक कलेक्टे्रट नहीं पहुंचे। कांग्रेस भवन में बैठक का हवाला देते हुए दिलीप लहरिया ने अपने बेटे को कलेक्टे्रट भेज दिया। तब तक भूतहा गांव के किसान जनदर्शन में अपनी बात रख चुके थे। विधायक के बेटे ने किसानों को कांग्रेस भवन ले जाना चाहा। वहीं विधायक दिलीप लहरिया का कहना है कि उन्होंने सदन में किसानों के मुद्दे पर चर्चा की है। प्रदेश की रमन सरकार किसानों के हित में फैसला नहीं लिया। मस्तूरी क्षेत्र में पूरा अकाल की स्थिति है। यहां पर किसानों को विशेष पैकेज दिया जाए तथा सूखा राहत काम शुरू किया जाए। मनरेगा का काम भी शुरू किया जाए। विधायक ने किसानों को अधिक से अधिक मुआवजा राशि तथा पिछले 5 साल का धान बिक्री के एवज में 2100 रूपए समर्थन मूल्य के हिसाब से राशि देने की माग सरकार से की है। इस बात को लेकर वे किसानों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
सरपंच पति डकार गया साढ़े 3 लाख
आज कलेक्टर के जनदर्शन में बिल्हा क्षेत्र के कई गांव के किसान भी पहुंचे थे। धमनी गांव में सरपंच के खिलाफ शिकायत लेकर पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि धमनी गांव में सरपंच पति द्वारा चेक पर फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक से राशि निकाल ली गई। सरपंच पति द्वारा अवैध उत्खनन गांव में कराया जा रहा है। गांव के किसानों ने बताया कि चेकडेम के नाम पर सरपंच ने साढ़े तीन लाख रूपए निकाल लिए लेकिन धमनी गांव में चेकडेम नहीं बना। सिर्फ 100 घरों में शौचालय बना है और सभी के घरों में शौचालय बताकर बड़ी रकम निकाल ली गई है। कांजी हाउस के नाम पर चार लाख रूपए का आरोप गांव वालों ने लगाया है। आज कलेक्टर को शिकायत में यह भी बताया कि उपसरपंच ने सरपंच के खिलाफ शिकायत की थी लेकिन सरपंच के पति उपसरपंच संतोष जायसवाल के यहां बोरिंग करा दिया तो शिकायकर्ता ने नाम वापस ले लिया। गांव में अधिकारी से मिभीभगत कर महिला सरपंच पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। बिल्हा क्षेत्र के धमनी गांव में 38 लाख के गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए गांव वालों ने कहा कि मुक्तिधाम,कांजी हाउस, पौधरोपण तथा पचरी निर्माण के नाम पर पिछले तीन सालों में सरपंच की मिलीभगत से 38 लाख का गौड़ खनन का काम किया गया तथा स्कूलों में आज तक एक भी पौधा नहीं दिखाई दे रहा है और न ही मुक्तिधाम व कांजी हाउस का निर्माण किया गया।
पानी के लिए त्राहि-त्राहि
मस्तूरी क्षेत्र के चौहा तथा केंवटाडीह गांव में विद्युत वितरण कंपनी की लापरवाही की वजह से 24 घंटे में केवल दो घण्टे बिजली मिलती है। चौहा गांव के कुछ वार्डों में नया ट्रांसफार्मर लगाया गया है लेकिन आज तक अफसरों ने ट्रांसफार्मर चालू नहीं किया। लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। चौहा गांव के किसान मायाराम कैवर्त, भूखऊ राम निषाद, लक्ष्मी निषाद, लक्ष्मी सूमन आदि ने जनदर्शन में इस समस्या को अफसरों तक पहुंचाया वहीं भूतहा गांव में भी अंधेरा है। ट्रांसफार्मर बिगड़ा पड़ा है लेकिन बिजली विभ्ज्ञाग के अफसर गांव तक नहीं पहुंचते। विधायक दिलीप लहरिया ने अफसरों से चर्चा की लेकिन केंवटाडीह गांव में बिजली नहीं होने से गांव वालों को पानी नहीं मिल रहा है।


