Top
Begin typing your search above and press return to search.

खाद की कमी से किसान परेशान

 एक ओर आगामी फसल की तैयारी को लेकर किसान दिन रात एक कर मेहनत में जुटा हुआ है लेकिन दूसरी ओर फसल बिजाई के लिए खाद की किल्लत बनी हुई है

खाद की कमी से किसान परेशान
X

होडल। एक ओर आगामी फसल की तैयारी को लेकर किसान दिन रात एक कर मेहनत में जुटा हुआ है लेकिन दूसरी ओर फसल बिजाई के लिए खाद की किल्लत बनी हुई है जिसके कारण किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

एक ओर जहां बाजार में खाद बिक्रेता खाद की कमी का रोना रो रहे हैं वहीं कुछ दुकानदारों द्वारा ब्लैक में खाद उपलब्ध कराया जा रहा है जिसके कारण किसानों को ब्लैक में खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।

गेहूं और जौ की फसल बुवाई का कार्य लगभग पूरा हो चुका है जिसमें किसानों को अब यूरिया और डीएपी खाद की बहुत आवश्यकता होती है लेकिन पिछले एक सप्ताह से शहर कि किसी भी खाद बिक्रेता पर खाद उपलब्ध नहीं है जिसके कारण किसान खाद के लिए मारे मारे फिर रहे हैं। किसानों का आरोप है कि शहर में कुछ खाद बिक्रेता सीजन शुरू होने से पहले ही खाद का स्टाक करने मे जुट जाते हैं जिसे बाद में किसानो को मोटे मुनाफे पर ब्लैक में उपलब्ध करा दिया जाता है।

इस प्रकार खाद की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ तत्कालीन एसडीएम द्वारा छापेमार अभियान चलाया गया था, जहां अधिकारी द्वारा खाद बिक्रेताओं के गोदामों और रजिस्ट्रर आदि को जब्त किया गया था जिसके बाद खाद की कालाबाजारी करने वालों मे हड़कंप मच गया था। हालांकि खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा कदम उठाए गए हैं, लेकिन उसके बाबजूद भी कुछ दुकानदार मनमर्जी के दामों पर खाद बिक्री कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब भी फसल बुवाई का समय आता है तभी खाद की कालाबाजारी शुरू हो जाती है कि जिसके कारण किसानों को परेशानियां उठानी पड़ती है। फसल बुवाई से पहले किसानों को खाद के लिए जूझना पड़ता है तो फसल तैयार होने के बाद उसकी बिक्री के लिए।

क्या कहते हैं किसान

वह पिछले एक सप्ताह से खाद के लिए सरकारी एजेंसी पर चक्कर काट रहे हैं लेकिन खाद नहीं मिल रहा है। जिसके कारण फसल प्रभावित हो रही है।
- दीपक

सरकारी एजेंसी पर खाद नहीं मिलने के कारण अब वह ब्लैक में खाद खरीदने को मजबूर होंगे। गेहंू बुवाई की सीजन आते ही खाद की कमी शुरू हो जाती है जिसके कारण जहां किसानों को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ता है, वहीं कालाबाजारी करने वाले मोटा मुनाफा कमाते हैं।
- रहमत अली

फसल बुवाई के समय किसान को खाद की आवश्यकता होती है लेकिन इसी दौरान बाजार में खाद की किल्लत पैदा हो जाती है जिसके कारण किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ती है।
- धर्मेेंद्र

खाद का स्टाक समाप्त होने के मामले से विभागीय उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है। शीघ्र ही खाद का रैक लगने वाला है जिसके बाद किसानों को खाद की समस्या से नहीं जूझना पडेगा। एजेंसी पर पोश मशीन और आधार कार्ड दिखाने के बाद खाद उपलब्ध कराया जा रहा है।
- जितेंद्र, कृभको इंचार्ज


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it