जेवर एयरपोर्ट के द्वितीय चरण से प्रभावित किसान अपनी पसंद स्थान पर बना सकेंगे घर
फिल्म सिटी के सामने फलैदा कट और जेवर के समीप मॉडलपुर पर होगा विस्थापन स्थल

ग्रेटर नोएडा। जेवर एयरपोर्ट निर्माण विस्तार के किए प्रभावित किसानों से द्वीतीय चरण के लिए जमीन ली जा रही है, किसानों की जमीन लेने से पहले उनके विस्थापन व पुनर्वास के लिए काम चल रहा है।
जिला मुख्यालय के सभागार में प्रेस वार्ता करते हुए जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि विस्थापित होने वाले किसानों के आवास के लिए जगह चिन्हित कर लिया गया है, किसान जहां चाहते हैं वहां अपना आवास बना सकते हैं।
धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि द्वितीय चरण के किसानों को दो जगह विस्थापित किया जाएगा। एक स्थान प्रस्तावित फिल्म सिटी और मेडिकल डिवाइस पार्क के सामने होगा, यमुना एक्सप्रेस वे से सटा हुआ तथा मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी से जुड़ा हुआ होगा।
इस विस्थापन स्थल के समीप हरियाणा से जेवर एअरपोर्ट को जोड़ने वाला मार्ग तथा एक तरफ यमुना एक्सप्रेस वे, निकट ही ईस्टर्न पेरिफेरल पर चढ़ने का स्थान, भविष्य में हाई स्पीड ट्रेन एवं प्रस्तावित पॉड टैक्सी भी मीप से गुजरेगी। अपरैल पार्क जैसी वस्त्र उद्योग से संबंधित इकाइयों, यहाँ की स्थानीय महिलाओं के 70 फीसदी रोजगार का माध्यम बनेगी।
फिल्म सिटी के सामने स्थित फलेगा कट के पास इस विस्थापन स्थल को विकसित किया जाएगा, जो तकरीबन 120 हेक्टेयर में विकसित होगा। यहाँ विस्थापित होने वाले किसानों की सुविधाओं के लिए खेल का मैदान, सामुदायिक केंद्र, स्वास्थ्य सेवाए ,शिक्षण संस्थाएँ ओर कौशल विकास केंद्र जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
भौगोलिक दृष्टि से अगर हम इस स्थान की बात करें, तो मेरी नजर में मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी से जुड़ा हुआ, यह स्थान दुनिया का एक बेहतरीन स्थान विकसित होगा, जहाँ बसने वाले किसानों को सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
दूसरा विस्थापन स्थल जेवर के समीप माडलपुर पर स्थित होगा, जिसके लिए तकरीबन 60 हेक्टेयर भूमि विकसित कराई जाएगी। यह स्थान भी सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ साथ एयरपोर्ट और जेवर कस्बे के नजदीक होने के कारण मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी से जुड़ा हुआ होगा। किसान और उनके बच्चों से संबंधित अति आधुनिक सभी मूलभूत सुविधाएं यहाँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
उन्होंने बताया कि द्वितीय चरण में लगभग 18,500 परिवार प्रभावित है, जिसमें से ग्राम रन्हेरा, कुरैब और नगला हुकम सिंह के 13,320 परिवारों को उपरोक्त स्थलों पर विस्थापित किया जाना है। नगला हुकमसिंह के 1600 रन्हेरा के 6120 तथा कुरेब के 5600 परिवार विस्थापित होंगे।
धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि 12 अक्टूबर 2022 को मुख्यमंत्री के साथ किसानों से हुई बैठक में लंबित समस्याओं के समाधान के रास्ते निकले और एक बेहतरीन विस्थापन, प्रभावित किसानों का हो सके, उसके लिए भी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा था किसानों की भावनाओं के अनुरूप सभी मांगों को पूरा किया जाना चाहिए।


