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देशभर में किसानों ने वादे याद दिलाने के लिए राजभवन तक किया मार्च

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के किसानों ने शनिवार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून और अन्य वादों की याद दिलाने के लिए देशभर में राजभवनों तक मेगा पदयात्रा का आयोजन किया

देशभर में किसानों ने वादे याद दिलाने के लिए राजभवन तक किया मार्च
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नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के किसानों ने शनिवार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून और अन्य वादों की याद दिलाने के लिए देशभर में राजभवनों तक मेगा पदयात्रा का आयोजन किया। किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, 25 राज्यों की राजधानियों, 300 से ज्यादा जिला मुख्यालयों और कई तहसील मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया गया। अनुमान है कि पूरे भारत में तीन हजार से अधिक विरोध प्रदर्शन हुए हैं।

किसान विरोधी भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए 'राजभवन चलो' के आह्वान साथ लगभग 50 लाख से अधिक किसान सड़कों पर उतरे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, चंडीगढ़, पटना, कोलकाता, तिरुवनंतपुरम, चेन्नई, हैदराबाद, भोपाल, जयपुर और कई अन्य राज्यों की राजधानियों में किसानों का जमावड़ा देखा गया।

संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों में स्वामीनाथन आयोग के द्वारा की गई सिफारिशों को लागू करना, बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेना, विरोध के दौरान मारे गए किसानों के लिए एक स्मारक बनाने के लिए सिंघु बॉर्डर पर भूमि का आवंटन आदि शामिल है। इसके अलावा मोर्चा ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करके उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी मांग की है।

गौरतलब है कि किसानों ने 26 नवंबर 2020 को 'मार्च टू दिल्ली' विरोध प्रदर्शन किया था। एसकेएम ने कहा कि 26 नवंबर को राष्ट्रव्यापी 'मार्च टू राजभवन' किसानों के विरोध के अगले चरण की शुरुआत है।


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