Top
Begin typing your search above and press return to search.

प्रदेश सरकार की धान खरीद की तैयारी धीमी गति से चलने से किसान परेशान

पंजाब आम आदमी पार्टी (आप) के अध्यक्ष एवं सांसद भगवंत मान ने धान खरीद संबंधी प्रदेश सरकार की ढुलमुल तैयारी पर चिंता जताई

प्रदेश सरकार की धान खरीद की तैयारी धीमी गति से चलने से किसान परेशान
X

चंडीगढ़ । पंजाब आम आदमी पार्टी (आप) के अध्यक्ष एवं सांसद भगवंत मान ने धान खरीद संबंधी प्रदेश सरकार की ढुलमुल तैयारी पर चिंता जताते हुए कहा है कि ऊपर से नीचे तक फैले भ्रष्टाचार के कारण सरकारी मंडी माफिया ने किसानों, शैलर मालिकों, ट्रांसपोर्टरों और मजदूर वर्ग (पल्लेदारों) को परेशान कर लूटने के पूरे प्रबंध कर लिए हैं।

उन्होंने आज यहां कहा कि हम इस बार मंडी माफिया की यह गुंडागर्दी, ब्लैकमेलिंग और धक्केशाही चलने नहीं देंगे । राज्य के विभिन्न इलाकों से मिल रही जानकारी के अनुसार राज्य के शैलर मालिक, ट्रांसपोर्टर और श्रमिक सरकार की धान खरीद तैयारियों को लेकर चिंतित हैं। स्पष्ट है कि यदि धान की खरीद, लिफ्टिंग और भंडार (स्टोरेज) की रीढ़ की हड्डी माने जाते शैलर उद्योग, ट्रांसपोर्टर और मजदूर वर्ग भारी दिक्कत-परेशानियों का सामना करेगा तो मंडियों में धान बेचने आने वाला किसान सबसे ज्यादा परेशान होगा।

मान के मुताबिक मंडी माफिया और सरकारी भ्रष्ट तंत्र की ओर से जानबूझ कर पैदा की जाने वाली परेशानियां किसानों, मजदूरों, आढतियों, ट्रांसपोर्टरों और शैलर मालिकों पर आधारित एक पूरी कड़ी (चेन) को ब्लैकमेल करेगी, क्योंकि बीते समय में भी ऐसे ही होता रहा है। नमी, बदरंग दाना और अन्य पैमानों के दुरुपयोग से किसानों से कम से कम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी) से कम मूल्य पर धान की फसल खरीदा जाएगा या प्रति बोरी कमीशन निर्धारित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पिछली बादल सरकार की तरह कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार की ओर से भी पंजाब की सबसे बड़ी राईस मिलर इंडस्ट्री के साथ खिलवाड़ करने की रिपोर्टें आ रही हैं। धान खरीद सीजन के मद्देनजर हर बार अगस्त के पहले हफ्ते में की जाने वाली राईस मिलिंग पालिसी का अभी तक ऐलान नहीं हुआ। शैलरों में चावल की लिफ्टिंग का काम ढीला चल रहा है। अभी तक औसतन 10 प्रतिशत स्थान खाली नहीं हुये हैं ।सरकारी गोदाम और बारदाने का भी हाल बुरा है। उनकी पार्टी मुख्य विरोधी पार्टी की जिम्मेदारी निभाते हुए इस बार 'मंडी माफिया' पर तीखी नजर रखेगी।

उन्होंने शैलर मालिकों, ट्रांसपोर्टरों, आढतियों, किसान संगठनों और पल्लेदारों (लेबर) को पेशकश की है कि सम्बन्धित समस्याओं को लेकर वे मुझसे अपनी समस्याओं को लेकर बेझिझक मिल सकते हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it