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बंगाल में चुनावी सरगर्मी के बीच किसान नेताओं की कृषि कानून के खिलाफ जंग

कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन को 100 दिन से अधिक समय से जारी है

बंगाल में चुनावी सरगर्मी के बीच किसान नेताओं की कृषि कानून के खिलाफ जंग
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गाजीपुर बॉर्डर। कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन को 100 दिन से अधिक समय से जारी है, ऐसे में सयुंक्त किसान मोर्चा के किसान नेताओं ने आज बंगाल का दौरा किया, वहीं कल किसान नेता राकेश टिकैत महापंचायत में शामिल होंगे तो वहीं रोड शो भी करेंगे।

दरअसल किसान नेता बंगाल के मतदाताओं से अपील कर रहें है कि वे किसान विरोधी रवैये के कारण आगामी चुनावों में भाजपा को दंडित करें। हालांकि बीजेपी एक तरफ बंगाल में अपनी राजनीति बढ़ाने की कवायद कर रही है तो वहीं दूसरी ओर मौजूदा बंगाल सरकार अपनी राजनीति बचाने की कोशिश में लगी हुई है।

केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसान नेता उन सभी राज्यों में जा रहे हैं जहां चुनाव घोषित हो चुके हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने पश्चिम बंगाल में तीन दिनों का कार्यक्रम रखा है।

बंगाल में चुनावी बिगुल तो बज चुका है लेकिन ठीक दो हफ्ते बाद यानी 27 मार्च को बंगाल में पहले चरण का मतदान होना है। संयुक्त किसान मोर्चा की पश्चिम बंगाल में होने वाली महापंचायतों को राजनैतिक चश्मे से भी देखा जा रहा है।

शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत बंगाल पहुंचकर नंदीग्राम में महापंचायत को संबोधित करेंगे।

भारतीय किसान यूनियन के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजवीर जादौन के आईएएनएस को बताया कि, "पश्चिम बंगाल के किसान लगातार हम सभी किसानों के संपर्क में थे। महापंचायत पूरे देश में हो रहीं है ये इत्तेफाक है कि बंगाल में पंचायत के दौरान चुनाव पड़ गए हैं। बंगाल के किसान परेशान है उनके सामने भी समस्याएं हैं।"

नन्दीग्राम आंदोलन भूमि है, पहले भी वहां बड़े आंदोलन हो चुके हैं। महापंचायत किसानों की है। ये विषय हमारा नहीं है कि कौन नंदीग्राम से चुनाव लड़ रहा है। किसान हमसे पूछेंगे की हम 100 दिन से अधिक समय से आंदोलन कर रहें हैं क्यों कर रहें है ये बताना पड़ेगा।"


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