किसानों का सबसे बड़ा गठबंधन तैयार
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में हुए आंदोलन ने देश के किसान आंदोलन को एक नई दिशा दी है

नई दिल्ली। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में हुए आंदोलन ने देश के किसान आंदोलन को एक नई दिशा दी है। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले किसान आंदोलन को एक कड़ी में पिरोने की जो कोशिश की गई थी, अब उसमें कई और संगठन और समूह शामिल हो गए हैं। इन सभी संगठनों में किसानों के कर्ज माफी और लाभकर मूल्य को लेकर एकता बनी है।
देश में चल रहे किसान आंदोलनों की एकता के लिए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का गठन किया गया था। पिछले दो सप्ताह में इनमें ऑल इंडिया किसान मजदूर सभा (पंजाब, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बिहार, उत्त्तर प्रदेश, पश्चिम बंग) , कर्नाटक राज्य रैयत संघ, तेलंगाना रायतू जॉइन्ट एक्शन कमिटी, लोक संघर्ष मोर्चा (महाराष्ट्र, गुजरात), रैयतु स्वराज वेदिका, फेडरेशन ऑफ़ कावेरी डेल्टा फारमर्स एसोसिएशन (तमिल नाडु), पश्चिम ओड़िशा कृषक संगठन शामिल हैं। इनके अलावा किसान संगठनों के दो अखिल भारतीय समन्वय 'राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति' और 'भूमि अधिकार आंदोलन' भी इस अभियान में शामिल हो गए हैं। गुरनाम सिंह, हरपाल सिंह और कक्का जी के नेतृत्व में चल रहा 'राष्ट्रीय किसान महासंघ' भी इसी पहल से जुड़ गया है।
आज किसान संगठनों के तमाम नेताओं ने पत्रकारों से साथ चर्चा करते हुए बताया, कि दो मुद्दे हैं, उनमें पहला किसान को उसकी फसल की लागत से 50 फीसदी अधिक दाम दिलवाया जाय। वहीं दूसरा. लाभकारी दाम के साथ किसान नए सिरे से शुरुआत कर सकें इसलिए एक अंतरिम उपाय के तौर पर एक बार किसान द्वारा किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक या फिर राज्य की सहकारी समिति या वित्तीय संस्थानों से लिया गया ऋण पूरी तरह से माफ किया जाना चाहिए। साहूकार के ऋण से भी मुक्ति की व्यवस्था हो।
किसान नेताओं ने बताया, कि मंदसौर में शहीद हुए किसानों की स्मृति में 6 जुलाई को पिपल्यामंडी (मंदसौर) से किसान मुक्ति यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से होते हुए 18 जुलाई को दिल्ली पंहुचेगी। रास्ते में यह यात्रा बारदोली और खेड़ा जैसे किसान आंदोलन के ऐतिहासिक स्थलों पर भी जायेगी। दिल्ली पंहुचकर यह मार्च जंतर मंतर पर एक मोर्चे का स्वरुप ले लेगा।
इस प्रेस वार्ता में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक वी एम सिंह के अलावा इस समिति के कार्यकारिणी सदस्य और पूर्व सांसद हन्नान मौला (ऑल इंडिया किसान सभा), लोक सभा सदस्य राजू शेट्टी (स्वाभिमानी शेतकरी संगठन), पूर्व विधायक डा. सुनीलम (जनांदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय) और योगेंद्र यादव (जय किसान आंदोलन) उपस्थित थे। उनके इलावा राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति की ओर से दशरथ कुमार और ऑल इंडिया किसान मजदूर सभा की ओर से डॉ. आशीष मित्तल उपस्थित थे।
0pt; line-height:115%;"Arial","sans-serif";color:#222222;background: white'>'भूमि अधिकार आंदोलन' भी इस अभियान में शामिल हो गए हैं। गुरनाम सिंह, हरपाल सिंह और कक्का जी के नेतृत्व में चल रहा 'राष्ट्रीय किसान महासंघ' भी इसी पहल से जुड़ गया है।


