किसान न्याय पद यात्रा बांरा से होगी शुरु
राजस्थान में किसानों का रिण माफ करने तथा अन्य मांगों को लेकर प्रदेश कांग्रेस की ओर से चार दिवसीय “ किसान न्याय पद यात्रा ” कल बांरा से शुरू होगी
जयपुर। राजस्थान में किसानों का रिण माफ करने तथा अन्य मांगों को लेकर प्रदेश कांग्रेस की ओर से चार दिवसीय “ किसान न्याय पद यात्रा ” कल बांरा से शुरू होगी ।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में आयोजित इस यात्रा की शुरूआत बारां जिले से होगी तथा इसका समापन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गृह जिले झालावाड़ में किसान सभा से होगा ।
लगभग एक सौ किलोमीटर की चार दिवसीय पद यात्रा में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ता प्रतिदिन 25 से 30 किलोमीटर चलेंगें। पायलट ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य किसानों का ऋण माफ कराने सहित भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों का खुलासा कर सरकार पर किसानों के हित में फैसले लेने के लिए दबाव बनाना है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के हाड़ौती संभाग सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है जहां अब तक सर्वाधिक किसानों ने आत्महत्या की है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य ही है कि मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में ऋण के बोझ से एक किसान ने आत्म हत्या कर ली थी जिसे भाजपा के जिलाध्यक्ष द्वारा धमकाया गया था।
उन्होंने परवन सिंचाई योजना की लागत में लगातार हो रही बढोतरी पर सरकार को घेरते हुये कहा कि राज्य सरकार की द्वेषता की राजनीति के कारण ही यह योजना पूरी नहीं हो पायी है ।
उन्होंने कहा कि इस योजना का शिलान्यास संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के शासन के दौरान हुआ था, यदि भाजपा सरकार ने द्वेषता की राजनीति को छोड़कर इसके निर्माण में तत्परता दिखाई होती तो हाड़ौती क्षेत्र के 800 से भी ज्यादा गाँवों के लोगों को सिंचाई एवं पेयजल के लिए पानी उपलब्ध हो जाता।
उन्होंने राज्य सरकार पर प्राईस स्टेबलाईजेशन फण्ड का उपयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुये कहा कि इस कारण लहसुन के दाम कम हो गए और दामों के गिरने से किसान बर्बाद हो गए।
उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के दस वर्षों में न्यूनतम समर्थन मूल्य में औसतन 8 से 13 प्रतिशत की वृद्धि प्रतिवर्ष हुई थी जबकि भाजपा सरकार बनने के बाद गत तीन वर्षों में न्यूनतम समर्थन मूल्य में मात्र एक से पांच प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार के चार वर्षों के कार्यकाल में सिंचाई की क्षमता में कोई अतिरिक्त बढ़ोतरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मनरेगा में काम पूरे नहीं हो रहे है और हाड़ौती क्षेत्र में तो पिछले साल दो प्रतिशत काम ही पूरे हुए है।
उन्होंने कहा कि डाँग विकास क्षेत्र के अन्तर्गत बारां, झालावाड़ में केवल 10 प्रतिशत राशि खर्च हुई है। इन जिलों के लिये स्वीकृत 54 करोड़ रुपये में से मात्र 5.5 करोड़ रुपये का ही व्यय किया गया है।


