दर-दर भटक रहे हैं घोटाले के पीडि़त,डाक विभाग के कर्मचारियों और बचत ऐजेंटों की मिलभगत
फरीदाबाद ! पिछले वर्ष बगभगढ़ में डाक विभाग के कर्मचारियों और बचत ऐजेन्टों की मिलभगत से हुए करोडों के घोटाले के पीडि़त आज भी दर-दर की ठोकरे खा रहे है। उन्हे न तो आज तक न्याय मिला है

फरीदाबाद ! पिछले वर्ष बगभगढ़ में डाक विभाग के कर्मचारियों और बचत ऐजेन्टों की मिलभगत से हुए करोडों के घोटाले के पीडि़त आज भी दर-दर की ठोकरे खा रहे है। उन्हे न तो आज तक न्याय मिला है और न ही उनके पैसे वापिस। इन पीडि़तों ने आज केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के सामने उस समय न्याय की गुहार लगाई, जब वे फरीदाबाद के मुख्य डॉक घर में पास पोर्ट सेवा केंद्र का उद्घाटन करने आए हुए थे।
डाक विभाग के अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि मामले की जांच चल रही है और जिन लोगों का पैसा डाक घर में जमा है, उन्हे पूरा लौटाया जाएगा। लेकिन एजेंटों की मिलीभगत से डकारे गए अन्य पैसे को लौटाने के बारे में उन्होने पगा झाड़ लिया। उनका कहना है कि यह काम पुलिस का है। अपने जीवन की पूंजी डाक विभाग की विभिन्न स्कीमों में इसलिए लगाई थी कि पैसा सुरक्षित रहेगा व काम आने पर उन्हे वापिस मिल जाएगा। डाक घर के सामने ही सालों से मंजूरशुदा बने एजेंटों ने उनका आधा पैसा तो डाक घर में जमा करा दिया और आधे पैसे के फर्र्जी रसीद देकर स्वयं ही डकार गए। कई लोगों की एफडी को बचत खाते में जमा कराकर उसमें से मिलीभगत करके पैसा निकाल लिया गया। मामले का पर्दाफाश उस समय हुआ जब लोग अपने पैसे लेने के लिए डाक घर गए तो उन्हे पता चला कि उनका यहां कोई पैसा ही जमा नहीं है। कर्मचारियों ने पैसा लौटाने के मामलें में हाथ खड़े कर दिए। लगभग 7 करोड के इस घपले की गूंज पुलिस और डाक विभाग के आला अधिकारियों तक पंहुची तो पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
क्या कहते है पीडि़त
पीडि़त लोगो ने बताया कि उनके सेवानिवृति की पूरी राशि उन्होने एजेंट के माध्यम से डाक घर में जमा कराई थी, उनका पास बुक में पैसे की एंट्री भी और हस्ताक्षर व मोहर भी है। लेकिन कर्मचारी कहते है कि उनका पैसा जमा ही नहीं है। अब वे कहां जाएं। एक ही परिवार के सात एजेन्ट व वह भी बिल्कुल डाकघर के सामने धोखाधड़ी का खेल चला रहे थे, प्रशासन और डॉक विभाग चुप होकर देखता रहा।


