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राज्यसभा के 4 सांसदों की विदाई, गुलाम नबी आजाद का जिक्र कर पीएम मोदी हुए भावुक

आज मंगलवार को राज्यसभा के 4 सांसदों की विदाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संबोधित किया

राज्यसभा के 4 सांसदों की विदाई, गुलाम नबी आजाद का जिक्र कर पीएम मोदी हुए भावुक
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नई दिल्ली। आज मंगलवार को राज्यसभा के 4 सांसदों की विदाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संबोधित किया। पीएम मोदी ने इन सांसदों को धन्यवाद दिया। गौरतलब है कि संसद के ऊपरी सदन से मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद सहित चार सांसदों की विदाई हो रही है। जिन सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है उनमें दो पीडीपी, एक कांग्रेस और एक भाजपा सांसद शामिल हैं। आज पीएम मोदी ने लोकसभा में वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के कार्यों और उनके व्यवहार के लिए उनका धन्यवाद दिया।

पीएम मोदी ने कहा श्रीमान गुलाम नबी आजाद जी, श्रीमान शमशेर सिंह जी, मीर मोहम्मद फैयाज जी, नादिर अहमद जी मैं आप चारों महानुभावों को इस सदन की शोभा बढ़ाने के लिए, आपके अनुभव, आपके ज्ञान का सदन को और देश को लाभ देने के लिए और आपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान के लिए आपके योगदान का धन्यवाद करता हूं।


गुलाम नबी आजाद के साथ अपने रिश्तों और उनकी हाज़िरजवाबी को याद करते हुए पीएम मोदी ने काफी पुरानी घटनाओं को भी याद किया। इस दौरान पीएम मोदी भावुक भी हो गए। कश्मीर में हुई एक आतंकी घटना का जिक्र करते हुए मोदी कई बार रुके, रोए और आंसू पोंछे, फिर थरथराते शब्दों में कहा- गुलाम नबी आजाद उस वक्त इस तरह से फिक्रमंद थे, जैसे कोई अपने परिवार के लिए होता है।

उन्होंने कहा आजाद ने अपनी पार्टी के साथ साथ अपने देश और संसद का भी पूरा ध्यान रखा। मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी जी के बाद जो भी इस पद को संभालेंगे, उनको गुलाम नबी जी से मैच करने में बहुत दिक्कत पड़ेगी। क्योंकि गुलाम नबी जी अपने दल की चिंता करते थे, लेकिन देश और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे।

पीएम मोदी ने कहा गुलाम नबी जी जब मुख्यमंत्री थे, तो मैं भी एक राज्य का मुख्यमंत्री था। हमारी बहुत गहरी निकटता रही। एक बार गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया, 8 लोग उसमें मारे गए। सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया। उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। उस समय प्रणव मुखर्जी जी रक्षा मंत्री थे। मैंने उनसे कहा कि अगर मृतक शरीरों को लाने के लिए सेना का हवाई जहाज मिल जाए तो उन्होंने कहा कि चिंता मत करिए मैं करता हूं व्यवस्था। लेकिन गुलाम नबी जी उस रात को एयरपोर्ट पर थे, उन्होंने मुझे फोन किया और जैसे अपने परिवार के सदस्य की चिंता करें, वैसी चिंता वो कर रहे थे।

भावुक मन से प्रधानमंत्री मोदी ने इन सभी सांसदों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद किया।



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