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प्रख्यात पत्रकार कल्पेश याग्निक का दिल का दौरा पड़ने से निधन 

देश के प्रख्यात पत्रकार और लेखक, दैनिक भास्कर समाचारपत्र के समूह संपादक कल्पेश याग्निक का मध्यप्रदेश के इंदौर में देहांत हो गया

प्रख्यात पत्रकार कल्पेश याग्निक का दिल का दौरा पड़ने से निधन 
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इंदौर। देश के प्रख्यात पत्रकार और लेखक, दैनिक भास्कर समाचारपत्र के समूह संपादक कल्पेश याग्निक का मध्यप्रदेश के इंदौर में देहांत हो गया।

कल रात करीब साढ़े 10 बजे अखबार के दफ्तर में काम करने के दौरान ही याग्निक (55) को दिल का दौरा पड़ा। तत्काल उन्हें स्थानीय बॉम्बे अस्पताल ले जाया गया, जहां कई घंटे उनका इलाज चला, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। डॉक्टरों के मुताबिक इलाज के दौरान ही उन्हें दिल का दूसरा दौरा पड़ गया, जिसके बाद रात करीब दो बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

उनकी अंतिम यात्रा आज सुबह 11 बजे स्थानीय साकेत नगर स्थित उनके निवास से तिलक नगर मुक्तिधाम जाएगी।

याग्निक के देहांत पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वे बेबाक लेखन के पर्याय थे। राष्ट्रभक्ति के दृढ़ संकल्प से सिंचित प्रखर विचारों से वे सबके ह्रदय में अमर रहेंगे। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति और परिजनों को पीड़ा की इस घड़ी में संबल प्रदान करें।

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने भी श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए ट्विटर पर लिखा है कि श्री याग्निक के दुखद निधन की खबर स्तब्ध करने वाली है। उनकी बेबाकी, निष्पक्ष खबरें सभी के लिये प्रेरणादायक थीं। उनका निधन पत्रकारिता क्षेत्र की एक बड़ी क्षति है।

मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी अपनी श्रद्धांजलि में लिखा है कि श्री याग्निक का एकाएक निधन का समाचार स्तब्ध कर गया। हिन्दी पत्रकारिता में उन्होंने कई नए प्रयोग किए। 'असंभव के विरुद्ध' उनका लोकप्रिय कालम था। सामाजिक सरोकार से जुड़े विषयों पर झकझोर देने वाली कलम अब नहीं पढ़ने को मिलेगी।

वर्ष 1998 से दैनिक भास्कर समूह से जुड़े स्वर्गीय याग्निक प्रखर वक्ता और देश के विख्यात पत्रकार थे। वे पैनी लेखनी के लिए जाने जाते थे। देश और समाज में चल रहे संवेदनशील मुद्दों पर बेबाक और निष्पक्ष लिखते थे। प्रति शनिवार दैनिक भास्कर के अंक में प्रकाशित होने वाला उनका कॉलम ‘असंभव के विरुद्ध’ देशभर में चर्चित था।


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