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गुजराती नाटककार तारक मेहता का निधन 

प्रख्यात गुजराती हास्य लेखक, नाट्यकार और स्तम्भ लेखक पद्मश्री तारक मेहता का लंबी बीमारी के बाद निधन ।

गुजराती नाटककार तारक मेहता का निधन 
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अहमदाबाद। प्रख्यात गुजराती हास्य लेखक, नाट्यकार और स्तम्भ लेखक पद्मश्री तारक मेहता, जिनके प्रमुख संकलित उपन्यास ‘दुनिया ने उंधा चश्मा’ के आधार पर सफलता के कई कीर्तिमान बनाने वाले लोकप्रिय हास्य टेलीविजन धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ का निर्माण किया गया है, का आज यहां लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे।

वह अपने पीछे दूसरी पत्नी इंदु तथा अपनी पहली पत्नी से जन्मी पुत्री इशानी को छोड गये हैं। 26 दिसंबर 1929 में यहां जन्मे श्री मेहता ने गुजराती साहित्य विषय से बीए और एमए की पढाई मुंबई से की थी।

सामयिक विषयों को अलग नजरिये से छूने वाले उनके साप्ताहिक धारावाहिक लेख दुनिया ने उंधा चश्मा का वर्ष 1971 से लगभग 40 साल तक निरंतर जानी मानी गुजराती पत्रिका चित्रलेखा में होता रहा था। उन्हें कई तरह के पुरस्कार मिले थे और वर्ष 2015 में उन्हे पद्मश्री से नवाजा गया था।

टेलीविजन पर उनके संकलित उपन्यास पर आधारित धारावाहिक का प्रसारण सब टीवी ने वर्ष 2008 में शुरू किया था जिसने कुछ ही समय में सफलता के कीर्तिमान बना डाले। इसका प्रसारण अब भी जारी है। इसके मुख्य कलाकार दिलीप जोशी समेत गुजराती साहित्य और नाट्य जगत की हस्तियों और राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्ति किया है।

रूपाणी ने अपने शोक संदेश में कहा है कि लोगों के चेहरे पर बरबस हंसी ला देने वाले श्री मेहता के निधन के समाचार से उन्हें दुख पहुंचा है। श्री मेहता के परिजनों ने उनकी इच्छा के अनुरूप निधन के बाद उनके देहदान का निर्णय लिया है।


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