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आने वाली तिमाहियों में गिरावट 'नियंत्रण' में होगी : एसबीआई

देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने उम्मीद जताई है कि आने वाली तिमाहियों में गिरावट 'नियंत्रण' में होगी

आने वाली तिमाहियों में गिरावट नियंत्रण में होगी : एसबीआई
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कोलकाता। देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने उम्मीद जताई है कि आने वाली तिमाहियों में गिरावट 'नियंत्रण' में होगी। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

एसबीआई के प्रबंध निदेशक (नेशनल बैकिग ग्रुप) रजनीश कुमार ने कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) द्वारा आयोजित 'बैंकिंग कोलोक्वियम' से इतर कहा, "हाल की गिरावटें कम होना शुरू हो गई है और हम उम्मीद करते हैं कि इस पर नियंत्रण पा लिया जाएगा।"

उन्होंने ध्यान दिलाया कि बड़े और मध्यम कार्पोरेट खंड में उधार देने की लागत खुदरा पोर्टफोलियों से अधिक है।

उन्होंने कहा, 'खुदरा पोर्टफोलियो में उधार देने की लागत अधिक नहीं है। लेकिन बड़े कार्पोरेट और मध्यम कार्पोरेट खंड में यह उच्च है, क्योंकि वहां फंसे हुए कर्जे (एनपीए) का स्तर भी अधिक है। इसलिए बैंकों को तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के लिए प्रावधान बनाना चाहिए।"

रजनीश कुमार ने कहा कि ऋण देने की लागत 2.4 फीसदी के प्रावधान लागत के साथ अधिक है, जिसे कम करने की जरूरत है।

उच्च प्रावधान के लिए आय में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि एसबीआई में सहयोगी बैंकों के विलय के बाद सकल एनपीए बढ़ गया है।

उन्होंने कहा कि बैंक को चालू वित्त वर्ष में ऋण उठाव की वृद्धि दर 6-8 फीसदी रहने की उम्मीद है।

कुमार ने कहा कि एसबीआई कर्ज नहीं चुकाने वाली कार्पोरेट कंपनियों के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल प्रक्रिया शुरू करने के अलावा कई और कदम उठाने पर विचार कर रही है, ताकि फंसे हुए कर्ज की समस्या का समाधान निकले।


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