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जीएसटी लागू होने के बाद फर्जी कागजात से फर्जीवाड़ा

जीएसटी लागू होने के बाद भी फर्जी कागजात से फर्जीवाड़ा करने का खेल चल रहा है

जीएसटी लागू होने के बाद फर्जी कागजात से फर्जीवाड़ा
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गाजियाबाद। जीएसटी लागू होने के बाद भी फर्जी कागजात से फर्जीवाड़ा करने का खेल चल रहा है। विशेष अनुसंधान शाखा की जांच में लोहा कारोबारियों के करोड़ों रुपए के फर्जीवड़ा उजागर हुआ है। विभाग ने छानबीन के बाद फर्जीवाड़े में शामिल लोहे की दर्जन भर फर्मों के पंजीयन को निरस्त कर दिया है। इन कंपनियों द्वारा बीते करीब पांच माह में 150 करोड़ की बिक्री पर लाखों की कर चोरी करके सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया।

वाणिज्य कर विभाग के विशेष अनुसंधान शाखा के अपर आयुक्त प्रदीप कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लोहे की खरीद-बिक्री में यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद पंजीयन की प्रक्रिया सरल की गई है। इसका फायदा उठाकर कई कारोबारियों ने एक पैन कार्ड से कई नामों से ऑनलाइन पंजीयन ले लिए।

फिर ऑनलाइन ई-वे बिल-2 का दुरुपयोग करलोहे की करोड़ों की खरीद-बिक्री करके लाखों की कर चोरी की है। अपर आयुक्त ने बताया कि अभी जांच शाखा ने लोह की खरीद-बिक्री करने वाले 12 कंपनियों का फर्जीवाड़ा पकड़ा है। इन कंपनियों ने बीते पांच महीनों में करीब 150 करोड़ की खरीदारी कर कारोबार किया। लेकिन वाणिज्य कर को इसका कर नहीं चुकाया। जांच शाखा की रिपोर्ट के आधार पर इन 12 फर्मों का पंजीयन निरस्त किया गया है।

लोहा मंडी के अलावा मेरठ रोड और शहर के कई हिस्सों में यह कंपनियां पंजीकृत हैं। फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद विभाग इन कारोबारियों से जुर्माना वसूलेगा। साथ ही पंजीयन विभाग के अधिकारियों को रिपोर्ट भेजकर लोहे की खरीद-बिक्री के लिए पंजीयन देने में सतर्कता बरतने को कहा गया है। ताकि प्रपत्रों का दुरुपयोग कर फर्जीवाड़ा करने को रोका जा सके।



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