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मेला सचिव का आरोप पुलिस नहीं बंद कर रही अवैध मेला

ग्वालियर व्यापार मेला पूरे प्रदेश और उत्तर भारत में अपनी खूबियों और मिलने वाले छूट के लिए तो विख्यात है

मेला सचिव का आरोप पुलिस नहीं बंद कर रही अवैध मेला
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ग्वालियर। ग्वालियर व्यापार मेला पूरे प्रदेश और उत्तर भारत में अपनी खूबियों और मिलने वाले छूट के लिए तो विख्यात है ही साथ में मेला प्राधिकरण द्वारा यह चल रहे काले कारनामों के लिए भी यह मेला कोई कम कुख्यात नहीं है आपको बता दें कि मेले में दुकानों के आवंटन से लेकर कई तरह की अनियमिताएं पाई जात जाती है अनीयताओं का आलम यह है कि मिला तो खत्म हो जाता है लेकिन यहां के गड़बड़ झाला और अनियमिताएं खत्म होने का नाम नहीं लेती है।

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आपको बता दें कि कैलाश वासी स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के नाम से यह मेल हर वर्ष आयोजित किया जाता है इस वर्ष यह मेल 25 दिसंबर से 25 फरवरी तक 2 माह के लिए आयोजित किया गया था मेले की समापन की तिथि निकालने के बाद भी मेला संचालित किया जा रहा है सूत्रों की माने तो मेला प्राधिकरण के स्टाफ द्वारा अवैध वसूली कर इन दुकानदारों को मेले में व्यापार करने की अनुमति दी गई है इस बारे में जब मिला सचिन निरंजन श्रीवास्तव से देशबंधु संवाददाता ने जानकारी चाहिए कि समापन तिथि निकालने के बाद भी महिला संचालन हो रहा है इससे सरकार को राजस्व का नुकसान भी है और यह नियम वृद्धि भी है तो उनका कहना था कि मेला दुकानदारों को मिला खाली करने का कहा गया है और मेला में लगभग 250 दुकानदारों को ₹1000 प्रतिदिन जुर्माना भरने का नोटिस भी दिया गया है साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक किसी तरह के जमाने की वसूली नहीं हुई है लेकिन यदि जुर्माना दिए बगैर दुकानदार जाते हैं तो अगली साल उन्हें दुकान आवंटित नहीं की जाएंगे जब सचिन निरंजन श्रीवास्तव से पूछा कि समापन तिथि के बाद भी मिले में बैठे दुकानदारों को हटाया क्यों नहीं जाता तो उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस विभाग को पत्र लिखा है लेकिन पुलिस ने मेले में जबरन बैठे दुकानदारों को हटाने की कार्रवाई नहीं की है।
कैलाश वासी माधवराव सिंधिया के नाम से संचालित इस प्रतिष्ठित मेले की छवि मेला प्राधिकरण के गैर जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी इस तरह से धूमिल कर रहे हैं। और इसकी शुद्ध लेने वाला ना जिला प्रशासन का कोई अधिकारी है और ना ही कोई जनप्रतिनिधि!


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