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फडणवीस ने पुणे हिसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार कोरगांव-भीमा में भड़की हिंसा के मामले में उच्च न्यायालय के एक कार्यरत न्यायाधीश द्वारा न्यायिक और सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं

फडणवीस ने पुणे हिसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए
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मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार कोरगांव-भीमा में भड़की हिंसा के मामले में उच्च न्यायालय के एक कार्यरत न्यायाधीश द्वारा न्यायिक और सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं। पुणे के कोरगांव-भीमा में एक जनवरी को दलितों द्वारा आयोजित समारोह के दौरान सवर्णो की भीड़ ने उनपर हमला किया था। हिंसा में एक युवक की मौत हो गई थी। इस समारोह का आयोजन पेशवा बाजीराव द्वितीय और ईस्ट इंडिया कंपनी की दलित बहुल एक छोटी-सी फौज के बीच हुए आंग्ल-मराठा युद्ध की 200वीं वर्षगांठ पर किया गया था।

सनसवाडी गांव में अंग्रेजों द्वारा निर्मित विजय स्तंभ के चारों ओर कई लाख दलित एकत्र हुए थे, जहां कथित तौर पर 'भगवा झंडाधारी कुछ दक्षिणपंथी समूहों' के लोगों ने अचानक पत्थरबाजी शुरू कर दी। दोनों पक्षों के बीच टकराव के दौरान बस, पुलिस वैन और निजी वाहन समेत 30 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।

पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसूगैस के गोले दागे और पूरे पुणे जिले में निषेधाज्ञा लगा दी गई। हिंसा की घटना में नादेड़ निवासी राहुल फटंगले (28) की मौत हो गई थी।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने पुणे में हुए दंगे के लिए मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार पर दोषारोपण किया है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक चूक के कारण सोमवार को हुए दंगे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।

राकांपा प्रमुख ने कहा, "प्रशासन की ओर से इस कार्यक्रम के लिए पर्याप्त एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए गए? जबकि यह कार्यक्रम 200 वर्षो से हर साल शांतिपूर्वक संपन्न होता रहा है। मगर प्रशासन की चूक के कारण अफवाह फैली और अव्यवस्था की स्थिति पैदा हुई, जिसके फलस्वरूप हिंसा हुई।"

पवार ने इस घटना में असामाजिक तत्वों का हाथ होने का संदेह जाहिर किया, जिन्होंने मौके का फायदा उठाकर हिंसा को अंजाम दिया और पत्थबाजी की। उन्होंने कहा कि प्रशासन को तीन-चार दिन पहले से ही मालूम था कि वहां समारोह में भारी भीड़ इकट्ठा होने वाली है, फिर भी सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया गया।

पवार ने कहा, "यह अत्यंत निंदनीय घटना है। ऐसी स्थितियों में राजनीतिक व सामाजिक शक्तियों के लिए उत्तेजक बयानों से बचते हुए शांतिपूर्वक हालात से निपटना जरूरी होता है।"

शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मंगलवार को हाल ही राज्य में जाति आधारित हिंसा के बढ़ते मामलों के पीछे एक बड़ी साजिश की तरफ इशारा किया। राउत ने कहा कि इस मामले की जांच की जरूरत है और इसके पीछे छिपे हाथों को उजागर किया जाना चाहिए।

भारतरत्न डॉ. बी.आर. अंबेडकर के पड़पोते प्रकाश अंबेडकर की अध्यक्षता वाले भारिपा बहुजन महासंघ दल ने बुधवार को पुणे की घटनाओं पर गुस्सा व्यक्त करने के लिए 'शांतिपूर्ण महाराष्ट्र बंद' का आह्वान किया है।

अंबेडकर ने अपने समर्थकों से बुधवार को राज्य में लोगों को बिना असुविधा पहुचाएं शांतिपूर्ण बंद और कोरगांव-भीमा की घटना के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग सुनिश्चित करने की अपील की है।


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