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मुआवजे के खेल में चेहरों का किया गया मेल

मुआवजे को लेकर अब कमिशनर के साथ ही जिलाधिकारी रितू माहेश्वरी भी सख्त हो गई है

मुआवजे के खेल में चेहरों का किया गया मेल
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गाजियाबाद। मुआवजे को लेकर अब कमिशनर के साथ ही जिलाधिकारी रितू माहेश्वरी भी सख्त हो गई है। एडीएम एलए से बेहद नाराज है। अफसरों के सामने किसानों ने जब जिलाधिकारी को कमीशन लिए जाने का राज बताया तो डीएम ने आरोपी बाबुओं की शिनाख्त परेड करवा डाली। जिलाधिकारी के इशारे पर मुआवजे की फाइलों को निपटाने वाले बाबुओं को किसानों से खचाखच भरे सभागार में खड़ा करवाया गया।

किसानों का नजर और जिलाधिकारी से डरे इन बाबुओं की कुछ देर के लिए मानों सांसें ही थम गई। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि अब कोई शिकायत आ गई तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जगह आरोपी को सीधे जेल भेजा जाएगा। दरअसल इन दिनों दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे बनने से पहले ही जांच के दायरे में आ गया है। किसान बनकर मोटा मुआवजा लेकर साफ बनने वाले कई अफसर जेल जाने की जद में आ गए है। अब तक हुई जांच-पड़ताल पर गौर करें तो वितरित किए गए 370 करोड़ में से दो सौ करोड़ की रकम सही किसानों की जगह गलत लोगों के खातों में चली गई है। कई जिलाधिकारी भी इस घोटाले को पकड़ने की बजाय देखते ही रहे। एडीएम तो बस हस्ताक्षर करने के नाम पर ही मालामाल होते रहे। आधा दर्जन अमीनों ने जमीनों के प्रतिकर वितरण में खूब खेल किया। इन अमीनों को लेकर ही किसान खफा है।

किसानों के साथ हुई बैठक में अन्य अफसरों के अलावा खुद जिलाधिकारी रितू माहेश्वरी उस समय दंग रह गई जब एक के बाद एक किसानों ने कमीशन लेकर मुआवजा वितरण का आरोप लगाया। प्रोजेक्ट पर निगाह दौड़ाई जाए तो दिल्ली से मेरठ तक बनने वाले इस एक्सप्रेस-वे की यहां पर कुल लम्बाई 21 किमी है। इसके लिए 18 गांवों की 268 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है। 266 हेक्टेयर जमीन पर प्रशासन ने एनएचएआई को कब्जा दे दिया है। जमीन अधिग्रहण के लिए प्रशासन ने एनएचएआई से 836 करोड की धनराशि मांगी। अब तक एनएचएआई ने प्रशासन को 442 करोड़ की धनराशि दे दी है। प्रशासन ने किसानों को अब तक 370 करोड़ का मुआवजा बांट दिया है। 72 करोड़ का वितरण किया जाना है। 393 करोड़ की रकम अभी एनएचएआई से मिलनी शेष है। चौंकाने वाली बात यह है कि रिटायर्ड आईएएस रणवीर ने अपने बच्चों के नाम से जमीन का मुआवजा उठा लिया है।

यह सब अमीन संतोष बेनीवाल की सह पर हुआ। अब अमीन की यहां से तबादला कर दिया गया है। अमीन संतोष ने भी अपनी पत्नी के नाम पर मुआवजा उठा लिया है। वर्तमान में नोएडा में तैनात एक एडीएम के बेटे का नाम भी जांच रिपोर्ट में आ गया है। दरअसल ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के मुआवजे का वितरण भी कमीशन के आधार पर ही किया गया और अभी भी किया जा रहा है। अब बांटे गए मुआवजे से जुडे किसान और उनके बैंक खातों को खंगाला जा रहा है। यही नही किसानों के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल्स भी निकलवाई जा रही है। फिलहाल एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार यादव ने प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट मण्डलायुक्त को भेज दी है। डीम ने बताया कि जांच रिपोर्ट मण्डलायुक्त के जरिए सरकार को भेज दी गई है। अगले कुछ दिनों में इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई संभव है।


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