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हाथियों से हो रहा आमना-सामना,दहशत में ग्रामीण

कोरबा वन मंडल के करतला वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम बोतली से लगे जंगल से निकलकर बस्ती में पहुंचे 4 हाथियों की आमदरफ्त से ग्रामीणों में दहशत लगातार व्याप्त है

हाथियों से हो रहा आमना-सामना,दहशत में ग्रामीण
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कोरबा। कोरबा वन मंडल के करतला वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम बोतली से लगे जंगल से निकलकर बस्ती में पहुंचे 4 हाथियों की आमदरफ्त से ग्रामीणों में दहशत लगातार व्याप्त है। सोमवार की रात हाथियों की धमक से ग्रामीणों ने रतजगा किया।

करतला वन परिक्षेत्र के ग्राम बोतली, पिड़िया, मदवानी, घिनारा, चैनपुर, नवापारा आदि गांवों की सड़कों से लेकर जंगल और बस्ती के आसपास हाथियों से आमना-सामना होने के कारण ग्रामीणों में दहशत लगातार बनी हुई है। मूसलाधार बारिश के कारण जहां किसानों को कृषि कार्य करना है वहीं हाथियों की वजह से इस कार्य में पिछड़ रहे हैं। स्थिति यह है कि हाथी लगातार इलाके में बने रहे तो ग्रामीण कृषि कार्य छोड़ने पर मजबूर हो सकते हैं।

इन गांवों के विद्यार्थियों को लंबी दूरी तय कर स्कूल जाना पड़ता है और स्कूल जाते व घर लौटते वक्त हमेशा हाथियों से सामना होने का भय इनमें बना हुआ है। खबरों के मुताबिक स्कूल से घर लौटते बोतली-नवापारा मार्ग में हाथियों से विद्यार्थियों का सामना हो गया था किन्तु देवयोग से किसी तरह की अनहोनी नहीं होने पायी। इन सबके मध्य करतला वन परिक्षेत्र के अधिकारी व कर्मियों को जानकारी रहते हुए भी कि क्षेत्र में हाथियों का लगातार विचरण और उत्पात जारी है, कर्मियों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है।

ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि शिकायत करने पर विभागीय अधिकारी सोमवार की रात 11 बजे गांव पहुँचे लेकिन कुछ कामयाबी नहीं मिली हालांकि डिप्टी संतोष तंवर द्वारा ग्रामीणों को विश्वास दिलाया गया कि गांव में हाथी मित्र दल आकर हाथियों से बचाव में मदद करेगा।

बिजली की आंख-मिचौली भी कर रही परेशान
ग्राम पंचायत बोतली में जहां बीती रात चार हाथी के बस्ती के भीतर घुस आने से ग्रामीणों दहशत का माहौल बना रहा वहीं बिजली की आंख मिचौली भी खासा परेशान करती रही। करतला में पदस्थ कनिष्ठ यंत्री से संपर्क के बाद गांव में बिजली आयी जरूर लेकिन कुछ देर बाद फिर चली गई।

ग्रामीणों द्वारा जेई से बात करने के बाद बिजली आती और थोड़ी देर में फिर चली जाती। इस तरह बिजली की आंख मिचौली से हाथी प्रभावित गांव के लोगों का दु:ख दोहरा हो रहा है।


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